एक दुबला-पतला और भूखा भेड़िया एक बार एक स्वस्थ पालतू कुत्ते से मिला।
उसे कुत्ते का डील-डौल बहुत अच्छा लगा।
वह बोला, “मुझे देखो।
मैं भूखा और दुबला-पतला हूँ।
तुम खाए-पिए और ताकतवर लगते हो। तुम्हें खाना कहाँ से मिलता है?"
कुत्ते ने जवाब दिया, “मैं अपने मालिक के घर की रखवाली करता हूँ और बदले में वह मुझे खाना खिलाता है।"
"बस इतनी सी बात ?"
भेड़िया हैरान होकर बोला।
"तब तो मैं भी यह काम करने को तैयार हूँ।
मुझे विश्वास है कि वह मुझे भी खाना खिलाएगा।
मुझे अपने मालिक के पास ले चलो।
मुझे भी भरपेट खाना चाहिए।” भेड़िए ने कुछ देर सोचा और कुत्ते को ध्यान से देखने लगा।
“दोस्त, ये तुम्हारे गले पर लाल निशान कैसा है ?" उसने पूछा।
"अरे, कुछ नहीं।
मेरा मालिक मेरे गले में ज़ंजीर बाँधकर रखता है ताकि मैं उसे कोई नुकसान न पहुँचाऊँ या भाग न जाऊँ,” कुत्ते ने जवाब दिया।
भेड़िए का सारा उत्साह समाप्त हो गया और वह मुस्कराकर बोला, “अलविदा दोस्त।
मैं आज़ाद रहते हुए भूखों मर जाना पसंद करूँगा लेकिन मुझे गुलामी का भोजन नहीं चाहिए।"