बंदरों का एक झुंड नदी किनारे लगे पेड़ पर लगे आम खाया करता था।
एक दिन राजा नदी में मछलियाँ पकड़ने आया।
उसे आमों से लदा पेड़ दिखा।
पास जाकर उसने देखा कि बंदर उन आमों को खाने में लगे थे।
राजा ने तीरंदाजों को बुलाकर बंदरों को मार डालने का आदेश दिया।
बंदरों के मुखिया ने यह सुना तो अपने को और अपने साथियों को बचाने का तरीका सोचने लगा।
वह पेड़ की एक ऐसी डाली पर चढ़ गया जो नदी के पानी के ऊपर तक झुकी हुई थी।
बंदर डाली पर आगे बढ़ता गया।
जब डाली काफी झुक गई तो सारे बंदर एक-एक करके उसकी पीठ पर से होते हुए नदी के पास कूद गए।
सारे बंदर एक-एक करके पार हो गए और पहाड़ी पर पहुंच गए।
इस प्रकार बंदरों के मुखिया की सूझबूझ से सारे बंदरों की जान बच गई।