मूर्ख बकरी

एक दिन एक लोमड़ी एक गहरे कुएँ में गिर पड़ी।

कुछ ही देर में एक बकरी उसी कुएँ पर पानी पीने आई।

पानी में तैरती लोमड़ी देखकर उसे बड़ा आश्चर्य हुआ।

लोमड़ी ने भी योजना बनाई कि किसी तरह से बकरी की सहायता से अपने को बचाना चाहिए। वह चिल्लाई, “अरे बकरी!

तुम्हें पता है, मैं यहाँ कुएँ में क्यों उतरी हूँ ?

कुएँ के अंदर आकर ही बढ़िया पानी पिया जा सकता है।

देखो! मैं जी भरकर पानी पी रही हूँ और मजे कर रही हूँ।"

लोमड़ी की बातें सुनकर बकरी लालच में आ गई।

वह भी कुएँ में कूद पड़ी। लोमड़ी ने तुरंत बकरी को पकड़ा और थोड़ी-सी मेहनत के बाद वह कुएँ से बाहर निकलने में सफल हो गई।

बेचारी बकरी कुएँ में डूबने लगी और सहायता के लिए चिल्लाने लगी, “तुम मूर्ख हो।

छलाँग लगाने से पहले हमेशा अच्छी तरह से देख तो लेना चाहिए।

तुमने इस पर ध्यान नहीं दिया, इसलिए तुम्हें दंड मिलना ही चाहिए।"