एक भेड़िया एक चरागाह के पास घूम रहा था। वह एक जौ के खेत में घुस गया।
हालांकि बहुत प्रयास करने के बाद भी एक जौ नहीं खा पाया।
वह खेत से निकला तो उसे एक घोडा मिल गया। भेड़िया घोड़े से बोला, दोस्त, उस खेत में बहुत सारे जौ लगे हैं। वे बहुत स्वादिष्ट हैं। मैंने सारे तुम्हारे लिए बचा दिए हैं। चलो, वे सारे तुम्हारे लिए ही हैं।
घोडा मुस्कराया और बोला, अरे मेरे प्यारे दोस्त, अगर तुम जौ खा पाते तो तुम्हें मेरा ध्यान बिलकुल भी नहीं आता और तुम बस अपना पेट भरने में लगे रहते। क्या तुम चाहते हो कि मैं तुम्हें धन्यवाद दूँ ?
तुमने जो मेरे लिए इसलिए छोड़ दिए हैं कि वे तुम्हारे काम के नहीं है। इस प्रकार मुझे तुम्हारे प्रति आभार जताने को कोई आवश्यकता नहीं है।