एक लुहार अपने पालतू कुत्ते के साथ रहता था।
कुत्ता दिन भर सोता रहता था, जबकि उसका मालिक काम में लगा रहता था।
यहाँ तक कि हथौड़े की आवाज़ से भी कुत्ते की नींद नहीं खुलती थी।
हर दिन वह तभी जागता था, जब उसके मालिक का काम खत्म हो जाता।
काम के बाद मालिक खाना खाने बैठ जाता।
जब उसका मालिक खाना खा लेता तो कुत्ता उसके पैरों के पास बैठा दुम हिलाता रहता।
एक दिन लुहार नाराज़ हो गया और चिल्ला पड़ा, “अरे आलसी कहीं का! तू दिन भर सोता रहता है।
मेरे हथौड़े की आवाज़ से तो तेरी नींद नहीं खुलती और यहाँ मेरे खाना खाने की आवाज़ से ही तेरी आँखें खुल जाती हैं।
यहाँ से भाग जा।"