एक शेर एक किसान के बाड़े में घुस गया और इधर-उधर घूमकर शिकार की तलाश करने लगा।
किसान ने उसे देख लिया और किसी तरह से बाहर निकलने का रास्ता बंद कर दिया।
शेर ने अपने को बाड़े में बंद पाया तो उसने वहाँ मौजूद सारे जानवरों को मारना शुरू कर दिया।
किसान को अब अपनी जान की भी चिंता होने लगी।
उसने जल्दी से जाकर बाड़े का द्वार खोल दिया और शेर बाहर निकल गया।
किसान ने भी राहत की साँस ली, लेकिन उसे अपने बहुत सारे जानवरों के मारे जाने का दुख होने लगा।
उसकी पत्नी यह सब कुछ दूरी से देखती आ रही थी।
वह पास आई और उसे सांत्वना देने लगी।
“रोओ मत, प्रिये। भगवान का शुक्र है कि तुम्हारी जान बच गई। वैसे भी जो हुआ, तुम्हारी गलती के कारण हुआ।
ये तुमने कैसे सोच लिया कि बाड़ा बंद करके तुम शेर को फंसा लोगे ?
यही शेर अगर कहीं बाहर मिला होता, तो तुम उसे देखते ही भाग लेते।"
चोर को पकड़ने के प्रयास में अपने को हानि पहुँचाने से बेहतर उसे डराकर भगा देना होता है।