एक बार की बात है।
एक भेड़िए ने एक भेड़ को मार डाला और वह उस मरी हुई भेड़ को अपनी माँद में लेकर जाने ही वाला था कि अचानक एक शेर आ गया।
वह शेर उस पर झपट पड़ा और भेड़ को छीनने का प्रयास करने लगा।
भेड़िया शेर को देखकर चिल्लाया, “तुम्हें शर्म आनी चाहिए।
तुम जंगल के राजा हो। तुम्हारे ऊपर सारे जानवर विश्वास करते हैं।
तुम अब खुद ही मेरा शिकार छीन रहे हो ?
तुम तो इस जंगल के कलंक हो!"
शेर हँस पड़ा और बोला, “मुझे क्यों शर्म आए ?
तुमसे शिकार छीनने में क्या बुराई है, जबकि तुम्हारा तो काम ही चोरी करके पेट भरना है।
मेरे ऊपर इस तरह का आरोप लगाने की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई, सड़ियल जानवर ?
शर्म तो तुम्हें आनी चाहिए क्योंकि तुमने चरवाहे की भेड़ चुराई है।
" एक चोर दूसरे चोर से अच्छा नहीं हो सकता।