चूहा और नेवला

चूहा और नेवला कहानी

एक बार एक लालची चूहा एक किसान के भंडार कक्ष में घुस गया और उसने पेट भरकर गेहूँ खाया।

जब वह पेट भर चुका तो वह इतना मोटा हो गया कि वह जिस छेद से भंडार में घुसा था, उससे निकलना उसके लिए मुश्किल हो गया।

उसने बहुत प्रयास किया लेकिन वह उस छोटे-से छेद से नहीं निकल पाया।

चूहा एकदम असहाय हो गया और अपने भाग्य को कोसने लगा।

तभी एक नेवला आ गया।

नेवला उसे देखकर हँसने लगा और बोला, “दोस्त, मेरी सलाह मानो।

इस भंडार से बाहर निकलने का एक ही रास्ता है।

यहीं रुककर भूखे रहो और दुबले होने की प्रतीक्षा करो।

इसके बाद तुम आसानी से इस छेद से निकल जाओगे।

खाना बंद कर दो तो तुम्हें अपने आप रास्ता मिल जाएगा।”

चूहे से सहानुभूति दिखाते हुए नेवले ने इतना ही कहा।