बहुत समय पहले की बात है।
तेज़ गर्मी में एक दिन पक्षियों का राजा अपने साथी पक्षियों के साथ भोजन की तलाश में किसी नई जगह के लिए उड़ चला।
उसने सारे पक्षियों से हर ओर भोजन की तलाश करने को कहा।
सारे पक्षी भोजन की तलाश में दूर-दूर फैल गए। एक पक्षी एक राजमार्ग पर पहुंचा।
वहाँ उसने देखा कि बहुत सारी बैलगाड़ियों में अनाज के बोरे लदे हैं।
उसने यह भी देखा कि जब गाड़ियाँ आगे बढ़ती हैं तो उनसे बहुत सारा अनाज नीचे गिर रहा है।
वह बहुत प्रसन्न हुआ और उसने जल्दी से राजा को इस स्थान के बारे में सबसे पहले बताने का निश्चय किया।
वह उड़कर वापस आया और राजा से कहने लगा,
“महाराज, मैंने सड़क पर देखा है कि बहुत सारी बैलगाड़ियों पर अनाज के बोरे लदे जा रहे हैं, जिनसे अनाज गिर रहा है।हालाँकि, अगर आप सड़क पर नीचे दाने चुगेंगे, तो गाड़ियों से कुचले जा सकते हैं। वहाँ न जाने में ही भलाई है।"
पक्षियों के राजा को उसकी सलाह उचित लगी।
उसने सभी पक्षियों को उस सड़क पर न जाने की चेतावनी दे दी।
नन्हाँ पक्षी हर दिन उस जगह जाता और अकेले ही अपना पेट भरकर आ जाता।
एक दिन जब वह दाने चुग रहा था, तभी एक बैलगाड़ी निकली और वह लालची पक्षी कुचलकर मर गया।