एक माँ अपने बेटे के साथ रहती थी।
माँ-बेटे आपस में बहुत प्यार करते थे।
माँ-बेटे का प्यार देखकर बेटे की पत्नी जलती थी।
उसे लगता था कि उसका पति माँ को ही अधिक प्यार करता है, और उसे कम प्यार करता है।
उसने अपनी सास को घर से निकाल देने की योजना बनाई।
काफी प्रयास के बाद वह ऐसा करने में सफल भी हो गई।
बूढ़ी माँ के पास अब अकेले रहने के अलावा और कोई चारा नहीं था।
समय बीतता गया और बेटे-बहू के घर एक बच्चा पैदा हुआ।
यह खबर जब बूढ़ी माँ को मिली तो उसकी इच्छा अपने पोते को
देखने और उसे आशीर्वाद देने की होने लगी।
हालाँकि बहू ने उसे घर नहीं घुसने दिया।
बुढ़िया को बहुत दुख हुआ और वह प्रार्थना करने एक मंदिर पहुंच गई।
भगवान को भी उसका दुख देखकर बहुत दया आई।
वह धरती पर प्रकट हुए और जाकर बहू को डाँट लगाई।
बहू को अपनी गलती समझ में आ गई और वह अपनी सास को फिर से अपने घर ले आई।