चरवाहा

एक चरवाहे का एक बछड़ा गुम हो गया।

चरवाहा उसे ढूँढ़ने निकल पड़ा।

उसने हर जगह तलाश किया लेकिन बछड़ा उसे नहीं मिला।

उसने वनदेवी से प्रार्थना की और उसे वचन दिया कि अगर उसका बछड़ा मिल गया तो वह एक मेमने की बलि चढ़ाएगा।

अचानक वह एक टीले पर चढ़ गया।

वहाँ से उसने देखा कि एक शेर उसके बछड़े को खा रहा है।

चरवाहे को लगा कि अगर शेर ने उसे देख लिया तो वह उसे भी खा जाएगा।

वह अपनी जान बचाकर भागने लगा।

वह इतना डर गया था कि भागते-भागते वह फिर से वनदेवी से प्रार्थना करने लगा।

इस बार उसने वचन दिया कि अगर उसकी जान बच गई तो वह एक बैल की बलि चढ़ाएगा।

वनदेवी हमेशा की तरह शांत रही।

अगर लोगों की सारी मन्नतें पूरी होने लगें, तो अधिकतर अपने ही हाथों बर्बाद हो जाएंगे।