एक दिन एक शिकारी कुत्ता एक खरगोश के पीछे पड़ गया।
काफी दूर तक वह उसके पीछे दौड़ता रहा।
खरगोश अपनी तेज रफ्तार और चुस्ती के कारण देखते ही देखते उसकी पहुंच से बाहर हो गया।
कुत्ते ने उसका पीछा करना छोड़ दिया और वापस लौट गया।
एक व्यक्ति वहीं से गुजर रहा था। उसने पूरा दृश्य देखा।
वह कुत्ते का मजाक उड़ाने लगा और ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगा, “अरे फिसड्डी कहीं का!
इस छोटे से दुबले-पतले खरगोश तक को नहीं पकड़ सका! शर्म कर! तेरी इतनी रफ्तार किस काम की ?”
शिकारी कुत्ते ने उस व्यक्ति को जवाब दिया, “तुम गलत समझ रहे हो, मेरे दोस्त।
मैं तो बस स्वादिष्ट भोजन के लिए उसका पीछा कर रहा था, लेकिन उसके लिए तो जान बचाने का प्रश्न था।
जाहिर है, कि उसे तो पूरा दम लगाना ही था।"