एक गाड़ी वाला अपने गधे को गाड़ी में जोते जा रहा था। अचानक गधा रस्यी तोड़कर गाड़ी से भाग निकला।
वह अंधाधुंध भागता गया और उबड़-खाबड़ रास्ते पर निकल गया। वह बिना सोचे-समझे भागे जा रहा था। भागते-भागते वह एक ऊँचे टीले पर पहुंच गया, जहां से वह आगे कदम बढ़ाने ही वाला था कि उसके मालिक ने उसकी पूछ पकड़ ली और उसे पीछे खींच लिया।
गधे ने छुड़ाने का बहुत प्रयास किया लेकिन मालिक भी पूरी ताकत से उसे पीछे खींच रहा था।
मालिक गधे को गिरने से बचना चाहता था लेकिन गधे को यह बात समझ में ही नहीं आ रही थी। आख़िरकार मालिक ने उसे छोर दिया।
ले अगर तू जाना ही चाहता है तो फिर तेरी इच्छा। हठ करने वाले को बाध्य नहीं करना चाहिए। मालिक से छूटते ही गधा आगे बढ़ा और टीले से नीचे गिर कर मर गया।