घोड़ा और बेचारा गधा

एक घमंडी घोड़ा युद्ध के मैदान में जा रहा था।

रास्ते में उसे एक गधा मिला। गधे का रास्ते में मिल जाना घोड़े को पसंद नहीं आया।

उसे एकदम से गुस्सा आ गया। “मेरे रास्ते से हट जा, मूर्ख जानवर, वरना मैं तुझे कुचल दूँगा,” वह चिल्लाया।

गधे को बहुत अपमान महसूस हुआ

लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया और चुपचाप

रास्ते से हट गया। कुछ दिनों बाद, गधा उसी

रास्ते पर फिर से घोड़े को मिला, लेकिन इस बार बात एकदम बदल चुकी थी ।

युद्ध समाप्त हो चुका था और घोड़े के मालिक की मौत हो चुकी थी ।

घोड़ा स्वयं भी घायल था, लँगड़ा रहा था और उसे दिख भी बहुत कम रहा था।

उसकी पीठ पर भारी बोझा लदा था और उसका नया मालिक क्रूरतापूर्वक उस पर चाक

बरसा रहा था।

दूसरों का अपमान करने से अपनी शान

नहीं बढ़ती।