एक कौआ और एक बटेर आपस में बहुत अच्छे मित्र थे।
एक दिन उन्हें एक अन्य मित्र ने अपने यहाँ आमंत्रित किया।
रास्ते में उन्हें एक चरवाहा मिला।
चरवाहा अपने सिर पर दही से भरा कटोरा लिए था।
कौआ अपने को नहीं रोक पाया और कटोरे में चोंच मारकर दही खाने लगा।
चरवाहे को बहुत गुस्सा आया और रुककर देखने लगा।
कौए को ख़तरा समझ में आ गया और वह तुरंत वहाँ से उड़ गया।
चरवाहे की निगाह कटोरे के ऊपर उड़ रही बटेर पर पड़ी।
उसने समझा कि यही बटेर उसका दही खा रहा है।
उसने पत्थर मारकर बटेर को मार डाला। बेचारी बटेर को कौए की बुरी संगत के कारण अपनी जान गँवानी पड़ गई।