बोधिसत्व का विवाह चंदा नामक सुंदर लड़की से हुआ था।
एक दिन, वे नदी में जलक्रीड़ा कर रहे थे, तभी बनारस के राजा ब्रह्मदत्त की निगाह
चंदा पर पड़ी और उसे चंदा से प्यार हो गया।
वह समझ गया कि बोधिसत्व ही चंदा का पति है।
राजा ने तीर मारकर बोधिसत्व की हत्या कर दी।
वह सोच रहा था कि पति की हत्या के बाद चंदा आसानी से उसके साथ विवाह करने को राज़ी हो जाएगी
क्योंकि वह बहुत ही शक्तिशाली राजा था।
चंदा अपने पति के शव के पास बैठकर ज़ोर-ज़ोर से विलाप करने लगी।
राजा ब्रह्मदत्त उसके पास आया और बताने लगा कि वह उ
ससे प्यार करता है।
चंदा उसकी ओर देखकर चिल्लाई, “तुमने सोच भी कैसे लिया कि मैं अपने पति के हत्यारे को क्षमा कर दूँगी ?”
राजा चंदा के समर्पण से बहुत प्रभावित हुआ।
उसने सहायता के लिए देवताओं से प्रार्थना की।
देवताओं के राजा सक्क ने प्रकट होकर बोधिसत्व को पुनर्जीवित कर दिया ।