एक छोटा बालक था।
उसकी माँ उसे हर दिन बादाम और बेर दिया करती थी।
ये उस बालक को बहुत पसंद आते थे।
एक दिन, उसकी इच्छा और अधिक बादाम खाने की हुई।
उसने अपना हाथ बादाम की बोतल में डाला।
मुट्ठी में बादाम भरने के बाद वह अपना हाथ बोतल से बाहर निकालने लगा,
लेकिन बोतल का मुँह इतना सँकरा था कि उसका हाथ उसमें फँस गया।
बालक ने अपना हाथ निकालने की बहुत कोशिश की लेकिन असफल रहा।
उसके आँसू निकल पड़े। तभी उसका एक बुद्धिमान मित्र वहाँ आया ।
मित्र ने उसे सलाह दी, “मुट्ठी में बहुत ज़्यादा बादाम मत पकड़ो, प्यारे दोस्त ।
अपनी मुट्ठी के आधे बादाम छोड़ दो, तो तुम्हारा हाथ बाहर निकल आएगा।
फिर चाहो तो दोबारा हाथ डालकर कुछ और बादाम निकाल लेना ।”