सोने सोने का ख़ज़ाना

एक निर्धन किसान जब अपने खेत में हल चला रहा था,

तभी उसे मिट्टी में गड़ा बहुत सारा सोना दिखाई दिया।

“हे भगवान! खेत में इतना कीमती सोना किसने गाड़कर रखा है!”

किसान सोचने लगा।

किसान को लगा कि दिन में इसे ले जाना सुरक्षित नहीं रहेगा।

यह सोचकर उसने सोने को फिर से खेत में गाड़ दिया।

रात में किसान उस सोने को निकालने पहुँचा। सोना बहुत ज़्यादा और भारी था।

किसान के बस का उसे उठा पाना नहीं था।

उसने रस्सी से बाँधकर उसे खींचने का प्रयास किया लेकिन उससे भी बात नहीं बनी।

किसान अब कोई अन्य उपाय सोचने लगा ।

काफी सोच-विचार के बाद उसने अपने आपसे कहा, “मैं सोने के ख़ज़ाने को चार हिस्सों में बाँट देता हूँ

और एक-एक करके चारों हिस्सों को घर ले जाऊँगा ।

” उसने सोने के चार बराबर भाग कर दिए और एक-एक करके उन्हें घर ले आया।

उसके बाद से किसान धनी बन गया ।