गुणवान मनुष्य

बोधिसत्व को बहुत अच्छे शिक्षक के रूप में जाना जाता था।

एक दिन उनके पास एक व्यक्ति बहुत विचित्र समस्या लेकर आया।

उस व्यक्ति की चार सुंदर और गुणवती बेटियाँ थीं।

चारों की उम्र विवाह योग्य हो चुकी थी, लेकिन उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह अपने होने

वाले दामादों में कौन-से गुण खोजे - सुंदरता, स्वभाव, योग्यता या सच्चरित्रता ?

इन सारे गुणों के बारे में सुनकर बोधिसत्व बोले, “सुंदर रंग-रूप समय के साथ-साथ समाप्त हो जाता है;

अनुभव धीरे-धीरे आता है; अच्छे परिवार से होने का मतलब यह नहीं कि उस परिवार का हर व्यक्ति अच्छा ही होगा।

हाँ, सच्चरित्रता ही ऐसा गुण है, जो स्थायी है।

व्यक्ति का सच्चरित्र उसकी मृत्यु के बा भी दुनिया में कायम रहता है क्योंकि

व्यक्ति को उसके अच्छे कार्यों के लिए ही हमेशा याद किया जाता है।"

यह सुनकर उस व्यक्ति ने अपनी चारों लड़कियों का विवाह सच्चरित्र युवकों के साथ कर दिया।