एक गधा और एक शेर एक ही गुफा में रहते थे।
एक दिन दोनों ने शिकार पर जाने का निश्चय किया।
वे सारे जंगल में घूमते रहे लेकिन उन्हें कोई जानवर नहीं मिला। जब वे वापस लौटने
लगे तो उन्हें अपनी गुफा में कुछ बकरियाँ दिखाई
दीं। शेर ने गधे से कहा कि वह अंदर जाए और बकरियों को बाहर भगा दे।
तब तक वह बाहर ही प्रतीक्षा करेगा और बाहर निकलने वाली बकरियों को एक-एक करके खा जाएगा।
गधे को यह योजना बहुत अच्छी लगी। वह अंदर गया।
अंदर जाकर उसने दुलत्ती मारना और रेंकना शुरू कर दिया।
उसने इतना हल्ला-गुल्ला मचाया कि बकरियाँ ही नहीं, बल्कि शेर तक भ्रमित हो गया।
हालाँकि योजना काम कर गई और बकरियाँ जैसे ही बाहर निकलीं, शेर एक-एक करके उन्हें खा गया।
जब सारी बकरियाँ ख़त्म हो गई तो गधे ने शेर से पूछा कि उसका काम उसे कैसा लगा ।
शेर बोला, “ तुमने तो मुझे भी डरा दिया था।
वो तो खैर मनाओ कि मुझे पता था कि तुम गधे हो।”