निःस्वार्थ राजकुमार

एक दिन एक व्यक्ति एक राजा के पास पहुँचा और

उसे बताया कि वह पड़ोसी राज्य का भूतपूर्व राजकुमार है ।

अपना परिचय देकर वह व्यक्ति राजा से नौकरी माँगने लगा ।

राजा ने उसे अपना अंगरक्षक बना लिया।

एक रात, राजा को किसी महिला के रोने-सुबकने की आवाज़ सुनाई दी।

उसने राजकुमार को पता करने के लिए भेजा।

राजकुमार के पूछने पर महिला ने बताया, “मैं देवी लक्ष्मी हूँ।

मैं इसलिए रो रही हूँ क्योंकि मुझे यह जगह छोड़कर जाना पड़ रहा है।"

राजकुमार बोला, “हे देवी, अगर आपने यह स्थान छोड़ दिया तो हमारे राजा बड़े संकट में पड़ जाएँगे।

आप बताएँ, आपको यहाँ रोकने के लिए हम क्या उपाय करें?”

देवी ने जवाब दिया, “तुम्हें अपने बेटे की बलि देनी होगी।”

राजकुमार सहमत हो गया।

उसने ध्यान ही नहीं दिया कि राजा उसे देख रहा है।

राजकुमार गया और उसने अपने बेटे की बलि चढ़ा दी।

राजा मंदिर गया और देवी से बोला, “देवी, वह राजकुमार बहुत चरित्रवान व्यक्ति था ।

कृपया उसे और उसके परिवार को फिर से जीवित कर दीजिए।"

देवी लक्ष्मी को भी दया आ गई और उन्होंने राजा की

इच्छा पूरी कर दी।