ईमानदार दीन बालक

विलायत में जाड़े में बहुत सर्दी पड़ती है और रास्ते में बर्फ गिरती है। वहाँ गरीबों या गरीब लड़कों के रहने के लिए मकान नहीं होते; क्योंकि वहाँ मकान का भाड़ा बहुत होता है। लंदन में ऎसे गरीब लोग जगह-जगह दियासलाई के बक्स वगैरह छोटी कीमत की वस्तुओं को बेचकर निर्वाह करते हैं।

एक दिन एक गरीब का लड़का दियासलाई के बक्स लेकर एक होटल के पास खड़ा था। उसके कपड़े फटॆ थे और पैर में जूते नहीं थे, इससे वह जाड़े से काँप रहा था। उस समय दो आदमी उस रास्ते से जा रहे थे। उसने पूछा-'साहब! दिया-सलाई खरीदेंगे? उन्होंने जवाब दिया -'नहीं । तब उस लड़के ने कहा-'केवल एक पेनी कीमत है। उन आदमियों में से एक ने कहा-'मुझे जरूरत नहीं है। लड़के ने कहा-'एक पेनी की दो दूँगा लीजिए।

तब एक ने कहा-लाओ, ऎसा कहकर अपने पाकेट में से एक पेनी निकालना चाहा, पर पेनी मिली नहीं। तब उसने कहा कि 'मेरे पास फुटकर नहीं है, इसलिए कल लूँगा। लड़का बोला-'साहब! आज ही लीजिए; क्योंकि मेरे पास खाने के लिए कुछ नहीं है। मैं फुटकर पेनी ला देता हूँ।

यह सुनकर उस आदमी ने उसे एक शिलिंग दिया। वह लड़का शिलिंघ भजाने गया, पर बहुत देरतक वापस न आते देख उस आदमी ने समझा कि लड़का शिंलिग लेकर चला गया और वह आदमी वहाँ से अपने घर आ गया।

दूसरे दिन वह आदमी उस मुहल्ले में फिर आया और उस लड़के को ढूंढने लगा, इतने में उस लड़के का छोटा भाई मिला। उसने कहा-क्या कल रात को आपने मेरे भाई से दियासलाई का बक्स खरीदा था? उस आदमी ने जवाब दिया-'हाँ, वह कहाँ है? उस छोटॆ लड़के ने कहा-'आपके पास से एक शिलिंग लेकर वह भँजाने गया था, वहाँ से लौटते समय गाड़ी के टक्कर में आ गया। उसे बहुत चोट लग गयी है। दियासलाई के बक्स और आपके सात पेंस इस दुर्घटना में खो गये हैं। चार पेंस उसमें से मिले हैं, वह यह हैं, लीजिए। वह अस्पताल में पहुँचाया गया है। मुझे खबर मिलते ही मैं वहाँ गया तो उसने अपने पैसे की बात कही। उसने आपको खोजकर ये पेंस देनॆ को मुझे कहा था। तब उस आदमी ने पूछा-'क्या तुमने कुछ खाया है? उसने कहा-'नहीं। तब वह लड़के को खिलाकर अस्पताल में गया। वहाँ वह लड़का खाट के ऊपर सोया था। उस आदमी को पहचान कर उस लड़के ने कहा-'कल रात मैं शिंलिग भॅंजाकर आ रहा था, उस वक्त गाड़ी के टक्कर में मैं आ गया और आपका पैसा गिर गया। जो कुछ बचा है वह मैंने अपने भाई से आपके पास पहुँचाने के लिये कहा था, वह मिला होगा।'

इतना कहकर उसने अपने भाई से कहा-'भाई! मैं अब जा रहा हूँ। तेरी खबर कौन लेगा? माँ-बाप के मरने के बाद मुझसे जहाँ तक बन सका, मेहनत करके तेरी सॅंभाल रखता था। अब ईश्वर तेरी सॅंभाल रखेगा। यह सुनकर उस आदमी ने उसके भाई के पालन-पोषण करने का जिम्मा अपने ऊपर लिया। बीमार लड़का इससे बहुत प्रसन्न हुआ और प्रभु से कृपा की भीख माँगते हुए इस लोक से विदा हो गया।