एक बालक की ईमानदारी

एक बार एक छोटा लड़का अपने पड़ोसी के घर गया। पड़ोसी के घर में उस समय कोई नहीं था। लड़के ने देखा कि एक डलिया में बड़े सुन्दर-सुन्दर सेव रखे हैं। लेकिन उसने उन सेवों को हाथ से छूना भी ठीक नहीं समझा। पड़ोसी घर में लौटकर आया तो उसने देखा कि उनके सेब जैसे-के-तैसे रखे हैं। उसने लड़के से पूछा-' तुम्हें सेव अच्छे नहीं लगते क्या?

लड़के ने कहा- 'मुझे सेव बहुत अच्छे लगते हैं।'

पड़ोसी बोला-'तुमने सेव क्यों नहीं चुराये? यहाँ कोई देखनेवाला तो था नहीं।'

लड़का बोला-'और कोई देखनेवाला हो या न हो, मैं तो देखनेवाला था ही और मैं अपने को कोई बेईमानी का काम करते हुए नहीं देखना चाहता।

वह पड़ोसी लड़के के उत्तर से बहुत प्रसन्न हुआ। उसने लड़के को कई सेव दिए और कहा-'तुम बहुत अच्छे लड़के हो। तुम्हें इतना और जुआन लेना चाहिए कि ईश्वर सब जगह है और वह हमारे अच्छे-बुरे सब कामों को देखता रहता है। हमें कोई बुरा काम इसलिए भी नहीं करना चाहिए कि उसे हम सारे संसार के स्वामी भगवान से छिपाकर नहीं कर सकते।