इच्टरव्यू

खुशवंत सिंह की संपूर्ण कहानियाँ - Khushwant Singh Short Stories

दरवाज़े पर खटका हुआ ।

मेरे यह कहने के पहले कि 'आ जाओ, रिसेप्शनिस्ट दबे पाँव अन्दर आई और दरवाज़ा बन्द कर दिया।

'सर, कोई मिस्टर टॉवर्स मिलने आये हैं,' उसने धीरे से कहा।

'अपॉइंटमेंट है क्या ?

"नहीं, वजह भी नहीं बता रहे हैं कि क्यों मिलना है।

बस यही कहा कि मिलना है। मैं कह दूँ कि बिज़ी हैं ?”

दरवाज़ा फिर खुला-खटका दिये बिना-और एक बड़ा-सा आदमी हिलता हुआ भीतर आ गया।

उसके पीछे एक चालीस की उम्र की ढलती-सी महिला घुसी और एक छोटी-सी बच्ची ।

हैलो! यह आपका सवेरे की कॉफ़ी लेने का वक्त है तो मैंने सोचा कि मैं भी शामिल हो जाऊँ।

मेरा नाम टॉवर्स है, स्टेन टॉवर्स । यह मेरी पत्नी मार्जगी और बेबी पैम । पैम, हैलो कहो ।

पैम ने हैलो कहा और लॉलीपॉप चूसती आराम कुर्सी पर बैठ गई। मैंने मार्जनी से हाथ मिलाया, उसने थकी-सी मुस्कान दी। वह पैम की कुर्सी के हत्थे पर बैठ गई और बोरियत से दीवार की तरफ़ देखने लगी।

'मेरे और मेरी पत्नी के लिए क्रीम और शक्कर, टॉवर्स ने रिसेप्शनिस्ट से कहा, जो बाहर निकल गई ) 'पैम लॉलीपॉप चूसेगी, है न पैम ?'

पैम उठकर बैठ गई, मुँह से लॉलीपॉप निकाला और पूरा मुँह खोलकर था ...ह” कहा और फिर कुर्सी पर बैठ गई।

टॉवर्स मेरी मेज़ पर ही बैठ गया और जेब से सिगरेट का डिब्बा निकाला । उसने एक सिगरेट आधी बाहर खींची और मुझे पेश की। मैंने सिर हिला दिया, "नो, थैंक्स...आई... ।

टाँवर्स ने खुद ही सिगरेट जलाई और कमरे का मुआयना करने लगा ।

सिगरेट का धुआँ फैलने लगा, उत्सुकता भी बढ़ने लगी न हि

हम यहाँ से गुज़र रहे थे और समझ नहीं पा रहे थे कि क्‍या करें।

बहुत कुछ देख लिया है, और मार्ज को ज़्यादा रुचि भी नहीं है।

तो मैंने मार्ज से कहा कि मैं बताता हूँ कि क्या करें ।

हम अमेरिकी राजदूत और भारतीय हाई कमिश्नर से मिलते हैं।

पर मार्ज कहती है कि तुम तो उन्हें जानते ही नहीं, तो मैं कहता हूँ कि इसी तरह जान भी लेंगे।

हम दोनों से मिले। फिर मैंने कहा कि अब पब्लिक रिलेशन्स अफ़सर (जन सम्पर्क अधिकारी) से मिल लेते हैं। उसका तो काम ही मिलना है। इसलिए अब हम यहाँ हैं। आपने बुरा तो नहीं माना? बुरा क्यों मानेंगे!

हाँ, क्यों मानेंगे, क्यों मानेंगे!

मैंने मार्ज पर नज़र डाली । उसके चेहरे पर हल्की-सी मुस्कान आई और वापस चली गई। उसे सब ठीक लग रहा था।

“हम शिकागो से आये हैं-जानते हैं न शिकागो ?

मैं शिकागो कभी नहीं गया ।

'शि-कागो नहीं, शिक-आहगो, शिक-आहगो

'शिकआहगो

“हाँ, अब ठीक है, शिकआहगो । मैं न्यूमिस्मैटिस्ट हूँ--मुद्रा शास्त्री । मुद्राशास्त्र जानते हैं ? ज़रूर जानते होंगे। मैं बेवकूफ़ हूँ जो पब्लिक रिलेशन्स के आदमी से पूछ रहा हूँ।

मैं परेशानी से मुस्कुराया, 'ठीक तो है, ठीक तो है।

इजाज़त दें तो मैं आपको बताऊँ कि मैं दुनिया के नौ प्रमुख मुद्राशास्त्रियों में एक हूँ। मेरे लेख दुनिया की मुद्राशासत्र की कई बड़ी पत्रिकाओं में छपते रहते हैं, जिनमें आपकी कलकत्ते की पत्रिका भी शामिल है ।'

हाँ, हाँ, मैं जानता हूँ। “ज़रूर जानते होंगे जर्मनी में कई बड़े मुद्राशास्त्री हुए, पर पता नहीं उनका क्या हुआ ।

“हो सकता है, रूसियों

किया,' मैंने उसे कुरेदा।

की बनाता था,' उसने ज़रा परेशानी से कहा ।

“वे सब “लेकिन क्रप्स तो हथियार बन अब लक सिर्फ़ फ्रांस के प्रोफ़ेसर शारबोनो बचे हैं और आपके डॉ.

ने उन्हें उठा लिया हो, जैसा उन्होंने क्रप्स के साथ बनर्जी है न, मार्ज ?

मार्ज मुस्कुराई। मुद्राशास्त्र, मुद्राशास्त्र । यह शब्द कमरे में चक्कर काटने लगा । पर पहचान में नहीं आया क्रप्स नहीं । शस्त्रास्त्र नहीं । मुद्राशास्त्र | बनर्जी । बनर्जी ।

“आप बनर्जी को जानते हैं ? मेरा यह पूछना बेवकूफ़ी है। उनका नाम सुना होगा ।'

बचने का रास्ता नहीं था। 'नहीं, मुझे कभी उनसे मिलने का मौक़ा नहीं मिला। लेकिन उनका ज़िक्र तो होता ही रहता है।'

'मैं जानता हूँ कि आप उनके बारे में ज़रूर जानते होंगे। वापस जायें तो उनसे ज़रूर मिलें । उनसे कहें कि मैंने मिलने को कहा था । मिस्र के राजा तूतनखामेन के पिरामिड में मिले खज़ाने के बारे में हम दोनों का बड़ा रोचक वाद-विवाद चल रहा है कि यह किस काल का है।'

“यह पढ़ने का सौभाग्य मुझे नहीं प्राप्त हुआ । लेकिन मोहनजोदड़ो की खुदाई के बारे में मैंने उनकी किताब पढ़ी है। वे ही तो थे बनर्जी, है न? मैंने अनिश्चय के भाव से कहा।

'यह तो मैं नहीं जानता। मुझे पता नहीं कि वे पुरातत्त्वशास्त्री भी थे।'

दरवाज़ा खुला। लड़की कॉफ़ी और बिस्कुट लेकर भीतर आई। उसने मेरी रक्षा कर ली थी।

अरे, मिस फ़ोर्ब्स, यह पर्ची मिस मेरीमेन को देंगी ?” यह कहकर मैंने एक कागज़ पर कुछ लिखा और उसे पकड़ा दिया। वह कॉफ़ी बनाकर सर्व करने लगी, तो मैं मार्ज से बात करने लगा।

“मिसेज टॉवर्स, आप भारत के बारे में क्या सोचती हैं ?

अच्छा है।

“आप वहाँ जाना चाहेंगी ?”

हाँ, ज़रूर !

“आपको भारत बहुत पसन्द आयेगा। वहाँ के लोग और मुल्क सब बहुत अलग हैं। आपको ज़रूर अच्छा लगेगा ।

'ज़रूर'

अब मैं पैम की तरफ़ मुड़ा । उसने लॉलीपॉप खत्म कर ली थी और आराम से नाक सुड़क रही थी। 'पैम, तुम इंडिया जाना चाहोगी ?'

पैम शमने लगी। उसके माता-पिता ने उसे घूरकर देखा और रूमाल

छुशवत सिंह की संपूर्ण कहानियाँ पकड़ाया।

मे ने हमला फिर शुरू कर दिया।

बनर्जी की वह किताब देखनी है जिसका आपने ज़िक्र किया है।

यह मोहनजोदड़ो के बारे में है ?

या दा का हा कर हो सकता है मैं उसे कोई और समझ रहा होऊँ।'

है लत नहीं, नहीं, आपका कहना ठीक है।

मोहनजोदड़ो में ऐसी बहुत सी चीज़ें

का मुद्राशास्त्र से सम्बन्ध है। बनर्जी ने ज़रूर इनके बारे में लिखा होगा । मुद्राशास्त्र! मुद्राशास्त्र ।

'जी हाँ, ज़रूर लिखा होगा। मैंने बहुत दिन पहले वह किताब देखी थी। इसलिए याद नहीं है कि उसका मुख्य विषय क्‍या था !

मुद्राशास्त्र । मुद्राशास्त्र ।

दरवाज़ा एक बार फिर खुला । मिस मेरीमेन एक किताब खोलकर लाईं । उनका चश्मा नाक पर टिका था। टॉवर्स की तरफ़ देख कर मुस्कुराई और बोलीं, मुद्राशास्त्र । अंग्रेज़ी में न्यूमिस्टोटिक्स । यह है वह-लैटिन शब्द न्यूमिस्मा से बना है, और इसका सम्बन्ध है-!

“मिस मेरीमेन, आप मिस्टर टावर्स से नहीं मिली हैं। यह दुनिया के सबसे बड़े मुद्राशास्त्रियों में हैं। मिस्टर टॉवर्स, ये मेरी सेक्रेटरी हैं, मिस मेरीमेन | इनकी मुद्राशास्त्र में बड़ी रुचि है।

मैंने मिस मेरीमेन के हाथ से डिक्शनरी ले ली और अपनी ज़िम्मेदारी उसे सौंपकर हल्कापन महसूस किया।

“अच्छा, सचमुच ? मिस्टर टॉवर्स खुशी से उछले और नये शिकार का हाथ पकड़कर उसे ज़ोर-ज़ोर से हिलाने लगे। "मुझे मुद्राशास्त्र ॥ननेवालों से मिलकर बड़ी खुशी होती है। जैसा मैं कह रहा था, मुद्राशास्त्र का प्राचीन इतिहास को स्पष्ट करने में बड़ा योगदान है।'

हाँ, ज़रूर है, मिस मेरीमेन चकराकर बोलीं।

'मुद्राशास्त्र वह विज्ञान है जिसने इतिहास की सब खुदाइयों का समय तय करने का महत्त्वपूर्ण काम किया है। इसके बिना हमें इंडो-ग्रीक इंडो-सीथियन और इंडो-पार्थियन युगों के बारे में कुछ भी पता न होता और डॉ. बनर्जी ने तो काठियावाड़ के राजवंश और पश्चिमी क्षत्रपों की पूरी वंशावली लिख दी है ।'

जी हाँ, लिखी है,” मिस मेरीमेन ने अधूरे विश्वास से कहा।

'मैं आपको मोहनजोदड़ो के बारे में बता रहा था,' अब मैं भी डिक्शनरी से पढ़कर बताने लगा, 'मोहनजोदड़ो ने मुद्राशास्त्र के लिए बड़ी सामग्री जुटाई है “वाह, मिस्टर टॉवर्स चहककर बोले, "मैंने कहा था न ?

लाइये देखें-यह बनर्जी की किताब है।'

मैं कुछ जवाब देता, इससे पहले मिस्टर टॉवर्स ने डिक्शनरी मेरे हाथ से छीन ली।