कपास के फूल

Child Story In Hindi - Bal Kahani

एक खेत में कपास के बहुत से पौधे लगे हुए थे।

उनमें से एक छोटा-सा पौधा बहुत ही सुंदर था।

उसके रुई जैसे फूल बड़े ही सुंदर लगते थे।

रात को जब ओस की बूँदें गिरती थीं तो पौधा ओर भी सुंदर लगने लगता था।

वह हमेशा खुश रहता था।

उसे गर्व था कि वह एक कपास का पौधा था। इसीलिए उसके फूल भी अपने ऊपर गर्व करते थे।

फिर एक दिन उसे तोड़ लिया गया।

उसके फूलों को तरह-तरह की मशीनों में डाला गया।

मशीनों के अंदर कभी फूलों को दबाया गया तो कभी खींचा गग्रा।

क़भी धोया गया तो कभी सुखाया गया।

ओर जब ये फूल आख़िरी मशीन से बाहर निकले तो धागे में बदल चुके थे।

फिर इस धागे क़ो क़रघे पर चढ़ाया गया और आख़िर में एक सुंदर कपड़ा बनकर तैयार हो ग़या।

कपास के फूल ख़ुश थे कि वे इस सुंदर कपड़े का हिस्सा थे।

उसके बाद ग्रह क़प़ड़ा दरज़ी के पास पहुँचा।

वहाँ फिर कुछ परेशानी सहनी पड़ी इन फूलों को।

क्‍योंकि कपडे को कैंची से काटा गया, सुई से सिला गया और गर्म इस्त्री से दबाया गया।

और फिर बनकर तैयार हुआ एक सुंदर फ्रॉक। एक छोटी बच्ची का प्यारा-सा फ्रॉक बन जाने पर कपास के फूल बहुत ही खुश थे।

उस फ्रॉक को प्यारी-सी बच्ची ने खूब पहना। जब फ्रॉक ख़राब हो गया तो उसे झाड़न बना लिया गया और अंत में उसे पुराने कपड़ों के साथ दे दिया गया।

इन पुराने कपड़ों को एक कागृज़् की फैक्ट्री ने ख़रीद लिया।

कपडों को बारीक पीसकर फिर तरह-तरह की मशीनों से होकर जाना पड़ा।

कपास के फूलों को फिर थोड़ी परेशानी हुई।

लेकिन अंत में वे बन गए एक सुंदर कागृज्ञ।

इस काग़ज़ को एक किताब छापने के लिए प्रयोग किया गया।

एक धार्मिक पुस्तक जो मंदिर में भगवान के सामने रखी गई।

तो सारी परेशानियाँ सहकर भी कपास के फूल हमेशा संतुष्ट रहते थे न, इसीलिए उन्हें मिला एक ऐसा पवित्र स्थान, जहाँ वे हमेशा के लिए रह गए।

सब उन्हें आदर के साथ सिर से लगाते हें।

कपास के फूलों को आज भी गर्व है कि वे कभी कपास के फूल थे!