अचानक एक दिन गाँव में एक लड़का आया।
उसके पास एक थेला था, जिसमें बहुत सारी सूखी मेवा थी।
वह बच्चों को बादाम, काजू, किशमिश बाँटा करता था।
धीरे-धीरे लोग उसे मेवावाला कहकर बुलाने लगे।
उसका असली नाम किसी को भी पता नहीं था।
बच्चे उससे बहुत खुश रहते थे।
मेवावाला दिल का बड़ा अच्छा था। सबकी मदद करता था और सबको हँसाता रहता था।
इसीलिए गाँव के सभी बड़े लोग भी उसे बहुत पसंद करते थे।
एक दिन मेवावाले को एक छोटी-सी थेली पड़ी मिली।
उस थैली पर लिखा हुआ था-'हाथ डालो, सब कुछ पा लो।
' मेवावाला समझ गया कि यह कोई जादुई थैली है।
उसने थैली की सच्चाई पता करने के लिए अंदर हाथ डाला और थोड़े से पैसे माँगे।
अगले ही पल थैली के अंदर सोने के सिक्के भर गए। मेवावाले ने थोड़े-से सिक्के . अपने लिए रख लिए और बाकी गाँव के लोगों को दे दिए।
फिर उसने दोबारा थैली में हाथ डाला और अपने माता-पिता से मिलने की इच्छा की।
लेकिन इस बार कुछ भी नहीं हुआ।
वह सोच रहा था कि वह अपने माता-पिता से मिल पाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
उसका मन दुखी हों गया।
उधर उसके पास सोने के सिक्के देखकर गाँववालों को लगा कि मेवावाला कोई चोर है।
इसीलिए उन्होंने उसको गाँव से बाहर निकाल दिया।
मेवावाला बेचारा चुपचाप चल दिया। वह काफी देर तक चलता रहा।
शाम होने लगी थी। उसने देखा कि थोड़ी दूर पर एक कुआँ था। उसे प्यास लगी थी।
पानी पीने वह कुएँ के पास पहुँचा। उसने कुए से पानी खींचा और चुल्लूभर लिया।
जैसे ही वह पानी पीने वाला था, उसे किसी की आवाज़ सुनाई दी।
उसने देखा कि एक बूढ़ा प्यास के कारण बेहोश-सा पड़ा हुआ था।
मेवावाला ने अपने चुल्लू का पानी उस बूढे को पिला दिया।
जल वह बूढ़े के नज़दीक गया तो दोनों ने एक-दूसरे को देखा।
तब उन्होंने महसूस किया कि वे कितने सालों से एक-दूसरे को ही ढूँढ़ रहे थे।
असल में मेवावाला 'मस्तान' देश का राजकुमार था और वह बूढ़ा व्यक्ति उसके पिता थे-राजा साहब। दोनों एक-दूसरे के गले लग गए।
कुछ वर्षों पहले राजकुमार अचानक गायब हो गया था।
राजकुमार ने पिताजी को बताया कि उसे डाकू उठाकर ले गए थे।
वहाँ से वह किसी तरह बचकर निकल आया था।
साथ ही मेवा का एक थेला वहाँ से ले आया था।
थोड़ी मेवा वह ख़ुद खाता था, थोड़ी बच्चों को बाँटता था।
उसे पता ही नहीं चल पा रहा था कि अपने देश कैसे लौटा जाए। इसलिए वह इधर-उधर भटक रहा था।
राजा भी ख़ुद वेश बदलकर अपने बेटे को ढूँढ़ने निकले थे। इस तरह अचानक मिल जाने से दोनों बहुत खुश थे।
दोनों बातें कर रहे थे, तभी वह जादुई थेली राजकुमार की जेब से निकलकर ज़मीन पर गिर गई।
राजकुमार ने थैली को उठाया और चूम लिया।
आख़िर उसने थेली में हाथ डालकर सब कुछ पा जो लिया था!