जादूगर 'आह' और जादूगर ' ओह' एक-दूसरे से जलते थे।
एक बार जादूगर आह ने ओह पर हमला कर दिया।
ओह ने अपने आपको एक घोडे में बदला और भाग गया।
तब आह एक हिरन बन गया और घोडे के पीछे गया।
जैसे ही आह, ओह के पास पहुँचा, ओह भेडिया बन गया और आह के पीछे भागा।
आह ने खुद को भालू में बदल लिया और ओह के पीछे आया। तभी ओह एक शेर बन गया।
शेर से बचने के लिए आह एक चिडिया बनकर उड़ गया।
तभी उसने देखा कि ओह चील बनकर उसके पीछे आ रहा था।
इसीलिए आह ने पानी में छलाँग लगा दी ओर मछली बन गया।
ओह शार्क बनकर उसके पीछे आया।
आह किसी तरह किनारे तक पहुँचा।
वहाँ एक राजकुमारी बैठी हुई थी और अपनी सहेलियों से बातें कर रही थी।
आह ने खुद को एक सोने की अँगूठी में बदल लिया।
राजकुमारी ने अँगूठी उठा ली और ध्यान से देखने लगी।
तभी ओह वहाँ कबूतर बनकर आ गया।
इधर राजकुमारी के हाथ से निकलकर उड़ने के लिए आह ने एक कबूतरी का रूप बना लिया था।
उसे पता नहीं था कि ओह एक कबूतर बनकर आया हे।
कबूतर बने 'ओह' और कबूतरी बने 'आह' ने एक-दूसरे को देखा।
देखते ही दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे। वे अपनी शत्रुता भूल गए और एक साथ उड़कर चले गए।
कबूतर और कबूतरी तभी से प्रेम के प्रतीक बनकर सबको शांति और प्यार सिखाते आ रहे हैं।
एक-दूसरे के लिए उनका लगाव आज भी देखा जा सकता हेै।