एक थी नींद परी।
वही जो रात में आकर तुम्हारी पलकों पर अपने जादुई हाथ लगाती है और तुम्हें मीठी नींद आ जाती है।
एक रात वह सबके घरों में जाकर देख रही थी कि बच्चे ठीक से अपने पलंग पर लेट गए हैं या नहीं।
जो बच्चे अपनी मम्मी का कहना मानकर लेट गए थे, उनकी पलकों को वह हलके-से छूती थी और वे गहरी नींद में सो जाते थे।
उसके बाद उन्हें बहुत सुंदर सपने दिखाई देते थे।
संजू अभी तक जाग रहा था।
उसकी माँ किसी काम से बाहर गई हुई थीं।
वह रोज़ अपनी मम्मी के साथ हो सोता था, इसीलिए उसे नींद ही नहीं आ रही थी।
नींद-परी ने देखा कि संजू अकेला बैठा है।
उसने संजू के कान में फुसफुसाकर कहा, 'संजू सो जाओ।
मैं तुम्हें सुंद सपनों की दुनिया में ले जाऊँगी।'
संजू लेट गया। नींद परी ने धीरे से संजू की आँखों को छुआ और संजू को नींद आ गई।
संजू के कमरे में एक बड़ी-सी तस्वीर लगी हुई थी।
नींद परी ने उसे भी छुआ और वह तस्वीर सच्ची हो गई।
उस तस्वीर में एक बड़ा-सा घर था, बिल्डिंग ब्लाक्स का बना हुआ।
ये बिल्डिंग ब्लाक्स बिल्कुल वैसे ही थे जैसे कि संजू के पास थे।
संजू ने देखा कि वह उस घर के आगे खड़ा हुआ था।
घर के आगे एक बड़ा-सा लॉन था।
उसमें दो कुर्सियाँ पड़ी हुई थीं और एक मेज़ रखी हुई थी।
मेज पर संजू के पसंद की सब चीज़ें रखी हुई थीं-केक, आइसक्रोम्स, सेंडविचेज, चॉकलेट्स।
संजू ने पेट भरकर सब चीज़ें खाईं।
फिर कुछ चाकलेट्स उसने अपनी जेब में भर लीं।
उसके बाद वह उस बडे से सुंदर घर की ओर चल पड़ा।
उसने देखा कि वह सड॒क जिस पर वह चल रहा था-सात रंगों की थी।
ये वही सात रंग थे, जो इंद्रधनुष में होते हैं।
दूर से देखने से ऐसा ही लगता था, जैसे कि इंद्रधनुष ज़मीन पर आकर लेट गया हो।
संजू अंदर गया। सामने एक बड़ा-सा सफेद पर्दा था।
संजू की समझ में नहीं आया कि यह क्या है।
सोचते-सोचते वह सोफे पर बैठ गया।
उसका हाथ सोफे पर लगे एक लाल बटन पर लगा और अचानक सामने के पर्दे पर उसका मनपसंद कार्टून शो शुरू हो गया।
वहाँ एक और बटन था, पीले रंग का।
संजू ने सोचा इसे भी दबाकर देखा जाए। जैसे ही उसने बटन दबाया उसके सामने एक मेज़ व आ गई।
उस पर पापकॉर्न और कोल्डड्ंक रखे हुए थे।
कार्टून, पापकॉर्न और कोल्ड ड्रिंक-और क्या चाहिए था, उसे।
उसने मजे से कार्ट्न फिल्म देखी।
देखते-देखते उसे नींद आने लगी।
वह वहीं सोफे पर सो गया।
तभी संजू के कमरे में पलंग के बराबर में रखी घड़ी का अलार्म बजने लगां।
संजू उठकर बैठ गया।
उसने देखा कि वह अपने घर में था।
सामने मम्मी खड़ी हुई थीं। वे सुबह-सुबह ही लोट आई थीं।
उनके हाथों में बहुत सारे पैकेट्स थे।
जिनमें थे-केक, आइसक्रीम, चाकलेट्स, सैंडविचेज़, पॉपकॉर्न और कोल्ड डिंक।
संजू का सपना सच हो गया था।
यह सब उसके सपने से भी ज़्यादा सुंदर था। पता है क्यों ?
क्योंकि यहाँ वह मम्मी के साथ था।
सपने का सुंदर घर और बाकी सब चीजें तो मम्मी के बिना अधूरी थीं।
लेकिन अब मम्मी आ गई थीं तो संजू को और कुछ भी नहीं चाहिए था। क्यों ठीक कहा ना!
क्या तुम्हारे साथ ऐसा कभी हुआ है ?