वास्तविकता

Child Story In Hindi - Bal Kahani

खगोलशास्त्री शब्द तुमने सुना होगा, वही जिसे अंग्रेज़ी में एस्ट्रोनॉमर' कहते हैं।

खगोलशास्त्री आकाश में चमक रहे तारों और ग्रहों का अध्ययन करते हैं।

ऐसा ही एक खगोलशास्त्री थो-'संभव'।

संभव पूरा दिन तारों और ग्रहों के बारे में पढ़ा करता था और रात को अपनी दूरबीन लेकर निकल पड़ता था तारों को देखने के लिए।

जब वह तारों भरे आकाश को देखने लगता था तो यह भूल जाता था कि वह कहाँ चल रहा है ?

वह नीचे देखे बिना ही चलता जाता था-बिल्कुल खोया-खोया-सा।

एक रात वह चलता जा रहा था-बिना सामने देखे हुए।

अचानक एक यग्रड्ूढा आया और वह उसमें गिर गया।

संभव मदद के लिए चिल्लाने लेगा। एक व्यक्ति वहाँ से गुज़्र रहा था।

उसने संभव की आवाज़ सुनी तो उसे गड्ढे से बाहर निकाला।

उस व्यक्ति ने संभव से पूछा कि वह गड्ढे में कैसे गिर गया ?

तब संभव ने बताया, 'मैं एक खगोलशास्त्री हूँ।

मुझे तारों से इतना ज़्यादा लगाव है कि उन्हें देखकर मैं खो जाता हूँ।' संभव बडे गर्व से यह बात बता रहा था।

तब उस व्यक्ति ने कहा, 'तुम कह रहे हो कि तुम आकाश में चमकनेवाले तारों को खोजते हो।

लेकिन जब तुमको यह भी पता नहीं चलता कि तुम्हारे ठीक पैरों के नीचे क्या है, तब तुम इतनी दूर आकाश में चमकनेवाले तारों को क्या ढूँढोगे ?'

अब संभव को समझ में आया कि केवल अपने सपनों में खोया रहना ही काफी नहीं है।

उन सपनों को पूरा करने के लिए वास्तविकता को समझना भी बहुत ज़रूरी है।