एक लोमडी एक दिन कुछ बत्तख्रों के बाड़े में घुस गई। झपटकर एक बत्तख्न को पकड़ लिया।
तभी वह बत्तखत्र बोली, 'लोमड़ी मौसी, आप बड़ी और ताकतवर हैं।
हमें पता है कि अब हम आपसे बच नहीं पाएँगी। लेकिन क्या हमें खाने से पहले आप हमारी 'एक अंतिम इच्छा पूरी करने देंगी ?
लोमडी अपनी तारीफ सुनकर बहुत खुश हुई। वह बोली, 'ठीक है, लेकिन तुम्हारी अंतिम इच्छा कया है ?'
बत्तख्न ने कहा, “हम सब मिलकर ईश्वर से प्रार्थना करना चाहती हैं।'
लोमडी. ने उन्हें इजाज़त दे दी।
तभी एक बत्तख़ ने ऊँची आवाज़ में चिल्लाना शुरू किया, जैसे कि वह पूरी भक्ति के साथ ईश्वर को याद कर रही हो।
जैसे ही वह चुप हुई, दूसरी बत्तऱ ने चिल्लाना शुरू कर दिया।
उसके चुप होते ही तीसरी चिल्लाने लगी।
फिर चौथी, फिर पाँचवीं। इस तरह एक के बाद एक बत्तख् चीख-चीख़कर गाने लगी।
इन तीखी आवाज़ों को लोमडी सहन नहीं कर पाई।
उसको तेज़ सिरदर्द होने लगा।
आखिर वह परेशान होकर वहाँ से भाग गई।
इस तरह छोटी-छोटी बत्तखों ने समझदारी से काम करके अपनी जान बचा ली।