चतुर कौन

नाना नानी की कहानियाँ

एक पेड पर एक कौआ रहता था।

वह समझता था कि वह सभी जानवरों एवं पक्षियों में सबसे अधिक चतुर है।

उसी पेड़ पर एक उल्लू भी रहता था और वह भी यही समझता था कि वह सबसे अधिक समझदार और चतुर है।

वे हमेशा इस बात पर झगड़ते थे और उनकी दोस्त एक छोटी-सी चिड़िया उनक॑ बीच सुलह करती थी।

एक बार जब उनके बीच झगड़ा शुरू हुआ तो चिड़िया बोली, ' आज तुम दोनों इस बात का फेसला क्‍यों नहीं कर लेते कि कोन ज्यादा समझदार है ?'

कौआ और उल्लू दोनों एक साथ बोले, “ठीक हे, हम तैयार हें।

पर कैसे ?'

चिडिया बोली, 'तुम दोनों एक साथ उड़ो और खाने की कोई एक चीज दूँढकर लाओ।

जो पहले वापिस आएगा, वह जीत जाएगा।'

चिडिया की बात पूरी होते ही कौआ झट से उड़ा और पास के गाँव में पहुँचा।

वहाँ से रोटी का बड़ा-सा टुकड़ा लेकर फट से वापिस भी आ गया।

उल्लू तो अभी तक आँखें बंद करके सुस्ती में लेटा हुआ था।

कौआ वापिस आया तो उसने उल्लू से कहा, 'ये देखो, मैं तो वापिस भी आ गया और तुम अभी तक सो ही रहे हो, अब तो मान लो कि में ही ज्यादा समझदार हूँ।

' आलसी उल्लू ने आसानी से मान लिया कि कौआ उससे ज़्यादा अच्छा है और वह फिर से सो गया।

अब कौआ एक ऊँची डाली पर जाकर बैठ गया उस रोटी को खाने के लिए जो वह दूँढकर लाया था।

तभी पेड के नीचे एक लोमडी आईं। वह बोली, 'कौए भाई, नीचे आ जाओ, हम दोनों इस रोटी को बाँटकर खाएँगे ?'

कौआ ने अपनी चोंच में रोटी पकड़ी हुई थी, इसलिए उसने गर्दन हिलाकर 'ना' बोल दिया।

लोमड़ी बहुत चालाक थी। वह बोली, 'मेरे प्यारे कौए, तम्हारे चमकदार और काले पंख कितने सुंदर लगते हैं, जिसके पंख इतने संदर हैं उसकी आवाज कितनी मीठी होगी।

मुझे तुम्हारी मीठी आवाज सुननी हैं, कुछ गाकर सुनाओ न।

अपनी इतनी तारीफ सुनकर कौआ बेहद खुश हो गया और यह भूल गया कि उसकी चोंच में रोटी दबी है।

उसने अपनी चोंच खाली और ऊचा आवाज म॑ गान लगा। उसकी आवाज बेहद कर्कश थी लेकिन वह बडे गर्व से गा रहा था।

जैसे ही उसने चोंच खाली रोटी का डुकड़ा नीचे गिर पड़ा और लोमडी ने लपककर उसे उठा लिया।

तब कोए का इस बात का आभास हुआ कि कोई है जो उससे भी ज्यादा चतुर है।