बातें कम, काम ज्यादा

नाना नानी की कहानियाँ

एक गाँव में रहने वाला छोटा-सा एक चूहा एक किसान की बैलगाड़ी में सो गया।

किसान गाड़ी लेकर शहर की ओर चल पड़ा।

जब चूहे की आँख खुली तो वह एक अनजान शहर में पहुँच चुका था।

पहले तो वह घबराया लेकिन बाद में उसे एक मिठाई की दुकान में रहने की जगह मिल गई।

उस दुकान में और भी बहुत से चूहे थे। वे सब शहरी चूहे बहुत सारी बातें करते रहते थे।

लेकिन गाँव का यह छोटा चूहा चुपचाप रहता था।

वह सबको बातें ध्यान से सुनता था। इस कारण शहरी

चूहे समझते थे कि वह चूहा नासमझ है।

दुकान का मालिक चूहों से परेशान होकर एक दिन एक बड़ी सी बिल्ली ले आया।

एक चूहे ने मालिक को बिल्ली लाते हुए देखा तो दौड़कर अपने दोस्तों के पास पहुँचा।

हाँफते-हाँफते यह खबर उसने अपने दोस्तों को सुनाई कि दुकान का मालिक एक बिल्ली ले आया है।

'बहुत बड़ी है, पता है उसकी बडी-बडी हरी आँखें हैं, लंबी पूँछ है, बडे-बडे दाँत हैं और नुकीले पंजे हैं।

उससे अब हमारा बच पाना मुश्किल है। अब हमारी खेर नहीं।'

सभी चूहों के बीच खलबली मच गई और यह खबर आग की तरह सब तक पहुँच गई कि बिल्ली आई है, बिल्ली आई है।

तुरंत एक सभा बुलाई गई, जिसमें इस समस्या का हल खोजा जाना था कि बिल्ली से केसे बचा जाए ?

काफी सोच-विचार के बाद सबसे अनुभवी और बूढ़े चूहे ने एक प्रस्ताव रखा-

“उस बिल्ली की पूँछ में एक घंटी बाँध दी जाए।

जब भी वह चलेगी, उसकी पूँछ हिलेगी।

पूँछ हिलेगी तो घंटी बजेगी और घंटी की आवाज से हम समझ जाएँगे कि बिल्ली कहाँ हे ?' बूढ़ा चूहा बोला।

'“वाह-वाह, कया बढ़िया उपाय है ?' सभी चूहे एक साथ चिल्ला उठे। 'लेकिन घंटी बाँधेगा कौन ?” यह थी अगली समस्या।

चूहे सोच रहे थे कि प्रस्ताव रखनेवाला बूढ़ा चूहा ही यह काम कर सकता हे।

लेकिन वह बोला, “मैं बहुत बूढ़ा और कमजोर हो गया हूँ। यह काम नहीं कर सकता।

' समस्या फिर वहीं-की-वहीं रह गई।

आखिर में गाँव का छोटा चूहा आगे आया और बोला, “मेरे पास एक सुझाव हे।

“क्यों न हम सब पास वाली मिठांई की दुकान में रहने चले जाएँ।

सबसे अच्छी बात यह है कि उसकी मालकिन बिल्लियों से बहुत डरती है।

बिल्लियाँ उसे इतनी नापसंद हैं कि वह कभी भी अपने यहाँ बिल्ली नहीं लाएगी और हम सब वहाँ हमेशा सुरक्षित रहेंगे।'

“यह तो कमाल का सुझाव है।' चूहे बोले।

“ऐसी बढ़िया बात तो हममें से किसी के भी दिमाग में नहीं आई।'

“वाह छोटे चूहे, तुमने तो कमाल कर दिया।

“लेकिन तुम बोलते क्यों नहीं थे ? हमेशा चुपचाप क्‍यों रहते थे ?'

और अब छोटा चूहा बस इतना ही बोला, 'हमारे गाँव में लोग बातें कम करते हैं और काम ज्यादा करते हैं।'