तीन दोस्त थे।
उनके नाम थे-'ओह!, ओफ्फो! और वाह!
एक बार उनके चुस्त चाचा उनसे मिलने आए। साथ में उनका बेटा भी था। उसका नाम था बुद्धूराम।
चुस्त चाचा ने पूछा।
“किसे मिठाई खानी है ?
ओह बोला-' ओह! '
ओफ्फो ब्रोला-'ओफ्फो! '
चुस्त चाचा ने सोचा, इन दोनों को मिठाई नहीं चाहिए।
लेकिन वाह ने कहा-' वाह!
बुद्धरम बोला, 'खानी है भई खानी है।'
और चुस्त चाचा वाह और बुद्धूराम को लेकर मिठाई खाने चले गए।
जब वे वापिस आए तो साथ में थोड़ी मिठाई ओह और ओफ्फो के लिए भी लेकर आए।
ओह और ओफ्फोह मिठाई खा रहे थे तभी बुद्धूराम ने एक धक्का मारा और मिठाई उछलकर चुस्त चाचा के मुँह पर लगी।
उन्हें बड़ी जोर से गुस्सा आया। वे बुद्धूराम को मारने के लिए उसके पीछे दोडे।
ओह को तरस आया, वह बोला 'ओह!'
ओफ्फो को बुरा लगा, वह बोला, ' ओफ्फो!
चुस्त चाचा ने सोचा ये दोनों मुझे चिढा रहे हैं।
वे बुद्धराम को छोडकर ओह और ओफ्फो के पीछे दौड़ पड़े और उन्हें पकड़ लिया।
उसके बाद ओह और ओफ्फ की खूब पिटाई हुई।
वाह ताली बजाकर बोला, 'वाह' चाचा, आप तो बहुत चुस्त हें।
और चुस्त चाचा बोले, “वो तो मैं हूँ ही!! हा! हा! हा! '
इसलिए, जरा “ओह! और ओफ्फो' से बचकर रहना भैया ।