एक महल में राजा का विशाल कमरा था। पूरे कमरे में सुंदर-सजावटी चीजें थीं।
राजा के सोने के लिए एक विशाल पलंग भी था।
पलंग के मोटे-मोटे गद्दों में कुछ खटमल रहते थे। जब राजा गहरी नींद सो जाते थे, तब वे बाहर निकलकर धीरे-धीरे राजा का खून चूसते थे और सुबह होने से बहुत पहले गददे में चले जाते थे।
वे बहुत सावधानी बरतते थे कि राजा की नींद न खुल जाए।
एक दिन एक मच्छर वहाँ आ गया। खटमल ने जब एक अजनबी को देखा तो पूछा, 'ऐ भाई, कौन हो तुम ?'
मच्छर बोला, 'मैं यहाँ से गुजरने वाला एक यात्री हूँ। क्या यह किसी राजा का कमरा है ?'
'हाँ, और में राजा के बिस्तर में रहने वाला खटमल हूँ।' खटमल बोला।
' अरे वाह! तो तुम राजा का खून चूसते हो!' मच्छर ने उत्साहित होकर पूछा।
'हाँ, हर रात जब वो गहरी नींद में होते हैं, तब।' खटमल ने बताया।'क्या राजा का खून बहुत मीठा है?” मच्छर ने फिर पूछा।
“बहुत मीठा है एकदम शहद की तरह।' खटमट के मुँह में पानी आ गया। मच्छर के मन में राजा का खून चखने की इच्छा बहुत दिनों से थी।
वह बोला, “मैंने आदमी, औरत, बच्चों, सिपाही, भिखारी सभी का खून चखा है।
लेकिन किसी राजा का खून चखने का मौका कभी नहीं मिला। क्या में आज रात यहाँ रुक सकता हूँ ? बस एक बार राजा का खून चखना चाहता हूँ।'
खटमल पूरी दूृढ़ता से बोला, 'नहीं, कभी नहीं।'
“तुम राजा को डंक मारोगे तो उनकी नींट खुल जाएगी। और फिर तुम्हारे साथ हम भी मारे जाएँगे।'
लेकिन मच्छर को राजा का खून चखने की बहुत ज्यादा इच्छा थी। इसीलिए. उसने खटमल से बहुत प्रार्थना की।
आखिर खटमल को मानना पड़ा। लेकिन उसने मच्छर को कुछ बातें समझाई-
“जब राजा गहरी नींद में सो जाएँ तभी काटना।'
“ऐसा न हो कि उनकी नींद कहडी ६ और वे जाग जाएँ।'
“किसी ऐसी जगह पर मत काटना, जहाँ ज्यादा दर्द हो।'
'राजा के पैर पर ही काटना।'
मच्छर ने वादा किया कि वह इन सब बातों का ध्यान रखेगा। वह बेसब्री से रात होने का इंतजार करने लगा।
आज तो समय जैसे बीत ही नहीं रहा था। आखिर रात हुई। राजा कमरे में आए।
उन्होंने अपने आभूषण उतारे। पानी पिया और पलंग पर आकर बैठ गए।
फिर उन्होंने आँखें बंद करके भगवान को नमस्कार किया और लेट गए।
मच्छर ने जब राजा को सामने देखा तो उसके लिए अपने आपको रोक पाना मुश्किल होने लगा। लेकिन खटमल की बातें उसे याद थीं।
लेटने के थोड़ी देर बाद राजा को नींद आ गई। अब मच्छर बिलकुल बेसब्र हो गया।
राजा के गहरी नींद में सोने का इंतजार कर पाना मुश्किल था।
खून चखने की इच्छा इतनी तेज थी कि वह सब कुछ भूलकर राजा के पास पहुँचा और उनके गाल पश जोर-से डंक मार राजा हड॒बड़ा कर उठ बेठे। उन्हें जोर से दर्द हुआ था।
क्रोध से उनका बुरा हाल था।
उन्होंने सिपाहियों को बुलाया। वे क्रोधित होकर बोले, 'देखो, हमारे पलंग पर कौन-सा कीड़ा है, जिसने हमें काटा है।'
सिपाहियों ने पूरा बिस्तर झाड़ा और सारे खटमल बाहर गिर पड़े। सभी को मार दिया गया।
मच्छर तो राजा को काटकर तुरंत दूर उड़ गया। लेकिन एक लालची मच्छर की गलती खटमलों को भरनी पडी।