दो पड़ोसी राज्य थे-रिमझिम और टिमटिम।
रिमझिम राज्य में बारिश बहुत होती थी और टिमटिम में बादल बहुत कम आते थे। इसीलिए वहाँ आकाश में तारे चमकते थे-टिमटिम।
दोनों राज्यों के राजा चाहते थे कि वे आपस में मित्र बन जाएँ।
रिमझिम की रानी ने एक राजकुमारी को जन्म दिया और टिमटिम की रानी ने एक राजकुमार को जन्म दिया।
रिमझिम की राजकुमारी बहुत ही सुंदर थी।
तभी एक परी रानी के कान में कहकर गई, “राजकुमारी जैसे-जैसे बड़ी होगी और भी सुंदर होती जाएगी। लेकिन वह बुद्धिमान नहीं होगी।
हाँ, यदि कोई बुद्धिमान राजकुमार उसे सच्चे हृदय से प्रेम करेगा तो वह भी बुद्धिमान हो जाएगी।'
उधर टिमटिम का राजकुमार बिलकुल भी रूपवान नहीं था। उसको रानी माँ ने जब उसे देखा तो वे बड़ी निराश हुईं। तभी एक परी उनके कान में भी कुछ कहकर गई।
परी बोली, ' राजकुमार भले ही रूपवान नहीं, लेकिन बहुत बुद्धिमान होगा। और यदि कोई रूपवान राजकुमारी उसे सच्चे हृदय से प्रेम करेगी तो यह भी रूपवान हो जाएगा।'
दोनों बच्चे बड़े होने लगे। राजकुमारी का नाम रखा गया 'रूपा' और राजकुमार का नाम रखा गया ' सुबुद्धि।'
रूपा के रूप को देखकर संभी मोहित हो जाते थे। लेकिन वह एक भी वाक्य समझदारी से बोल नहीं पाती थी। इसीलिए कोई भी उसे पसंद नहीं करता था।
सुबुद्धि की बुद्धिमानी की सब प्रशंसा करते थे, लेकिन उसके साधारण रूप के कारण कोई राजकुमारी उसे पसंद नहीं करती थी। इसी तरह बीस वर्ष बीत गए।
एक बार एक उत्सव में रिमझिम और टिमटिम दोनों राज्यों के राजपरिवारों को बुलाया गया। वहाँ सुबुद्धि ने रूपा को देखा। देखते ही वह उसके रूप पर मोहित हो गया।
वह सच्चे हृदय से उससे प्रेम करने लगा। सुबुद्धि रूपा के पास आया और बोला, 'मैं सुबुद्धि हूँ, टिमटिम राज्य का राजकुमार। मैं आपको पसंद करता हूँ और आपसे विवाह करना चाहता हूँ।'
सुबुद्धि के साधारण रूप को देखकर रूपा सोच में पड़ गई। उसने सुबुद्धि से एक महीने का समय माँगा।
सुबुद्धि एक बुद्धिमान राजकुमार था। उसने रूपा को सच्चे हृदय से चाहा था। इसीलिए परी की बात सच हुई और रूपा धीरे-धीरे बुद्धिमान होने लगी। अब उसके पास रूप और बुद्धि क रूपवान राजकुमार उससे विवाह करना चाहते थे।
लेकिन रूपा कोई निर्णय नहीं ले पा रही थी।
आखिर एक महीना बीत गया और सुबुद्धि से मिलने का दिन आ गया। सुबुद्धि रूपा के राजमहल पहुँचा। रूपा नजरें नीची करके बैठी थी। वह असमंजस में थी। सुबुद्धि ने पूछा, 'रूपा आपने क्या निर्णय लिया ? '
रूपा ने सुबुद्धि की ओर अभी देखा ही नहीं था। कुछ बोलने से पहले उसने जब सुबुद्धि की ओर देखा तो चकित रह गई। उसके सामने एक बेहद रूपवान राजकुमार था।
तब सुबुद्धि ने कहा, 'रूपा, आपके हृदय में भी हमारे लिए सच्चा प्रेम उत्पन्न हो गया है। इसीलिए परी की बात सच हो गई और हमारे रूप में यह परिवर्तन आ गया हे।'
रूपा ने मुस्कुराकर 'हाँ' में सिर हिलाया। दोनों का विवाह धूमधाम से हुआ। इस तरह रिमझिम राज्य और टिमटिम राज्य मित्र एवं संबंधी हो गए।