बन्दर मामा और टुकी

मेरी प्यारी टुकी और उसका बंदर मामा - Monkey And Tuki Story In Hindi

टुकी बहुत ही प्यारी बची है और वो हमेशा खेलती रहती है।

वैसे तो टुकी का वास्तविक नाम जया है लेकिन जब वो बहुत छोटी थी तो वो पूरा दिन टुक-टुक देखती रहती थी इसलिए उसकी बुआ उसे प्यार से टुकी बुलाने लगी।

उसका घर में कभी मन नहीं लगता है वो कभी दरबाजे पर तो कभी छत पर तो कभी खिड़की के पास खेलती रहती है।

थोड़ी शैतान थोड़ी मासूम है टुकी लेकिन सबका मन बहलाती है ये टुकी ।

बोली बहुत प्यारी है इसकी। गाना भी बहुत मीठा गाती है और टीवी में देख के नाच भी कर लेती है ये टुकी।

एक बार टुकी अपने मामा के घर गयी अपने मम्मी और पापा के साथ।

वहाँ उनके बहुत मामा जी थे जिनकें साथ वो खूब घूमती थी और मस्ती करती थी।

नाना और नानी के साथ भी वो खेलती थी उनसे कहानियाँ सुनती थी।

एक दिन की बात है वो अपने एक छोटे मामा जी के साथ छत पे घूम रही थी की तभी वहाँ से कुछ आवाज उसे सुनाई दिया।

वो बहुत डर गयी और अपने मामा के गोदी में चिपक गयी।

टुकी को देख के मामा हँसने लगे और उन्होंने कहाँ की टुकी ये कोई डराबना आवाज नहीं है ये तो मासूम बंदर की आवाज है जो तुमसे मिलने आया है।

टुकी देखि तब सामने तो एक लम्बी-लम्बी पूछ वाला बंदर था जो उसके तरफ देख रहा था।

फिर वो खुश हो गयी और मामा से पूछी की ये कौन है तो उनके मामा बोले की जैसे मैं तुम्हारी मामा हूँ वैसे ये भी तुम्हारे मामा है।

तुम इसके साथ खेल सकती हो ये तुम्हें नाच दिखायेगा। फिर टुकी खूब हँसने लगी और बन्दर मामा मेरे बन्दर मामा करके बन्दर के साथ खेलने लगी।

उस दिन के बाद जब भी कही टुकी बन्दर देखती थी तो उसे बन्दर मामा कहके पुकारती है ।