आज टेड बहुत उत्साहित था ।
उसे मॉम और डैड ने एक स्मार्ट फोन दिया था ।
वह उसे अपने दोस्तों को दिखा सकता था और उनको तरह गेम्स खेल सकता था ।
लेकिन उसे फोन पर गाने सुनना ज्यादा पसंद था ।
टेड जल्दी से एक प्लेलिस्ट तैयार करना चाहता था , ताकि वह फोन पर अपने मनपसंद गाने सुन सके ।
उसने मन - ही - मन में सोच लिया था कि वह कौन - कौन से गीत सुनना चाहता है ।
जब टेड अपने मनपसंद गाने फोन में डाउनलोड कर रहा था , तभी फोन की घंटी बजी ।
उसने नंबर देखे बिना उसे रिसीव कर लिया और बोला , " हैलो ! ”
लेकिन दूसरी ओर से कोई नहीं बोला ।
दूसरी ओर एक गीत की सम्मोहक धुन बज रही थी ।
टेड उसे सुने बिना नहीं रह सका ।
पचपन सेकंड बाद वह गाना बंद हुआ और कॉल कट गई ।
टेड उस धुन में खोया हुआ था , जो उसे अभी फोन पर सुनाई दी थी ।
अगले दिन उसी समय फिर वही कॉल आई और सम्मोहक धुन बजने लगी ।
यह क्रम जारी रहा ।
एक बार , दो बार , आठ बार ... टेड बार - बार पूछता रहा , " हैलो ! कौन बोल रहा है ? "
लेकिन कोई जवाब नहीं आया । गाना चलता रहा ।
आठवीं बार उस ओर से उत्तर आया , " मेरे साथ
चलो । " वह आवाज बहुत - मीठी थी और टेड उसके पास जाना चाहता था ।
उस रात टेड ने सपने में देखा कि वह किसी बाग में एक बेंच पर बैठा वही मीठी और सम्मोहक धुन सुन रहा है ।
अचानक घने बालों वाला एक बड़ा - सा राक्षस उस पर झपटता है ।
तभी टेड की नींद खुल गई ।
वह तत्काल उठ बैठा । टेड बहुत डर गया ।
उसने उस गाने को न सुनने का निश्चय कर लिया ।
उसे दादी मां की बात याद आ गई , जो उन्होंने सिबिल राक्षस के बारे में बताई थी ।
वह सांग मॉनस्टर था ।
सिबिल बच्चों को गाने की धुनें सुनाकर उन्हें अपने वश में कर लेता था और उनके माता - पिता से दूर ले जाता था ।
फिर वे बच्चे अपने घर कभी नहीं जा पाते थे ।
टेड को अचानक दादी मां की सलाह याद आई , “ तुम्हारी मदद कोई दूसरा नहीं , केवल तुम स्वयं ही कर सकते हो । "
दादी मां अक्सर टेड से यह बात कहती थीं ।
वे टेड को सिखाती थीं कि उसे स्वयं अपनी समस्याएं हल करनी चाहिए ।
का यह भी ऐसा ही एक वक्त था ।
अब टेड को अपनी परेशानी हल स्वयं खोजना होगा ।
उसे कम - से - कम इसके लिए कोशिश तो करनी ही चाहिए ।
अगली बार फोन बजते ही टेड ने तुरंत कॉल रिसीव की और कहा , “ यह मत सोचना कि मैं डर गया ।
मैं डरने वाले लड़कों में नहीं हूं । " दूसरी ओर खामोशी छा गई और फिर कॉल कट गई ।
टेड को अपनी बहादुरी का एहसास हुआ ।
लेकिन वह इस तरह हांफ रहा था , मानो काफी तेज दौड़कर आया हो ।
की कोशिश कुछ देर बाद पुनः फोन बजने लगा ।
टेड ने फोन उठाते हुए कहा , “ मुझे तुम्हारा गाना बिल्कुल पसंद नहीं है ।
मुझे डराने मत करो । भविष्य में फिर कभी मुझे फोन मत करना ।
" यह सुनते ही दूसरी तरफ से गुर्राने की आवाज सुनाई दी और कोई चिल्लाया , " नहीं ! " फिर कॉल कट गई ।
इसके बाद टेड के मोबाइल पर कोई कॉल नहीं आई ।
टेड ने वह धुन फिर कभी नहीं सुनी और न ही उस आवाज ने उसे बुलाया ।
टेड ने सांग मॉनस्टर सिबिल का सामना किया और जीत हासिल की ।
अब वह सुरक्षित था ।
टेड की दादी मां ने ठीक ही कहा था , " तुम्हारी मदद कोई दूसरा नहीं , केवल तुम स्वयं ही कर सकते हो ।
" टेड ने अपनी सहायता स्वयं की , इसीलिए उसकी समस्या हमेशा के लिए दूर हो गई ।