आज बौना बहुत थक गया था ।
वह बच्चों के गंदे और पीले दांत जमा करते - करते परेशान हो गया था ।
अब उसे बच्चों को उपहार देना अच्छा नहीं लगता था ।
बच्चों के दांत बहुत बुरी तरह सड़े होते थे ।
उसे उन दांतों से नफरत होने लगी थी ।
अब बच्चे अपने दांत अच्छी तरह साफ नहीं करते थे ।
पहले बच्चों के दांत नहीं सड़ते थे ।
बच्चे मीठी चीजें खाने के बाद अपने दांत अच्छी तरह साफ करते थे ।
उनके दांत टूटने के बाद भी उजले तारों की तरह चमकते थे ।
लेकिन अब ऐसा नहीं होता ! बौने ने मन ही मन में सोचा , ' अब मुझे यह काम अच्छा नहीं लगता ।
फिर ऐसे गंदे दांतों के बदले उपहार क्यों दिया जाए ?
' यही सोचकर उसने बच्चों को उनके टूटे दांतों के बदले उपहार देना बंद कर दिया ।
एडा की मॉम उसे हमेशा सावधान करती रहती थीं , " हमें ज्यादा कैंडी नहीं खानी चाहिए ।
कैंडी खाने के बाद दांत साफ करना बहुत जरूरी है । " लेकिन एडा दांत साफ करना भूल जाती थी ।
जब एड़ा का दूध का एक दांत टूट गया , तो वह बड़े धीरज से दांतों वाले बौने के आने का इंतजार करने लगी ।
कुछ दिनों तक इंतजार करने के बाद बौना आया और उसने उसके तकिये के नीचे से दांत निकाला ।
दांत को देखकर बौने ने मन - ही - मन में कहा , ' ओह , कितना गंदा दांत है ।
' फिर वह दांत तो ले गया , लेकिन एडा को कोई उपहार नहीं दिया ।
ऐसी स्थिति में एडा बहुत उदास हो गई ।
फिर अगली बार भी एडा के साथ यही हुआ ।
उसका दूध का दूसरा दांत टूट गया ।
बौना उसे भी अपने साथ ले गया , लेकिन उसके बदले में उसे कोई उपहार नहीं दिया ।
एडा उदास हो गई । यही घटना दो बार फिर हुई ।
उसकी मॉम ने उसे बांहों में भरकर समझाया , " एडा , तुम अपने दांत रोजाना ब्रश से साफ किया करो ।
कोई भी व्यक्ति गंदे दांत ले जाना पसंद नहीं करता ।
मॉम की बात सुनकर एडा को अपनी भूल का एहसास हुआ ।
इसके बाद वह रोजाना अपने दांतों को ब्रश से साफ करने लगी ।
अब वह बहुत ज्यादा कैंडी भी नहीं खाती थी ।
ने जब एडा का पांचवां दांत गिरा , तो वह रात को बौने के आने का इंतजार करने लगी ।
बौना बहुत गुस्से में था ।
उसने सोचा कि आज भी उसे गंदा और सड़ा दांत ले जाना पड़ेगा ।
लेकिन जब बौने ने एडा तो वह के तकिये के नीचे हाथ डालकर दांत को बाहर निकाला , हैरान रह गया ।
एडा का दांत सफेद मोती जैसा चमक रहा था और एक नन्हा सा सितारा लग रहा था ।
उस दांत को देखकर बौना इतना खुश हुआ कि उसकी आंखों में आंसू आ गए ।
उसने एडा को अपनी बांहों में भर लिया । एडा की आंख खुल गई ।
उसे यह देखकर अच्छा लगा कि उसके छोटे से काम से बौना कितना प्रसन्न हो गया था ।
एडा पहले की तरह ही नियमित रूप से अपने दांत ब्रश द्वारा साफ करती है ।
वह अपने दोस्तों को भी बार - बार याद दिलाती है कि सबको सुबह - शाम समय से ब्रश करना चाहिए ।
एडा की कहानी से हमें यही सबक मिलता है ।