एलेक्स के पुराने खिलौने बहुत उदास थे ।
उसके पास बहुत से खिलौने - सुपर हीरो , रोबोट और सुपर गर्ल आदि थे ।
लेकिन वे सब अलमारी में पड़े धूल फांक रहे थे ।
अब एलेक्स उनसे नहीं खेलता और एलेक्स अपनी नई ट्रेन से खेलने में था ।
मग्न रहता । यह उसका ' सुपर स्टेशन टॉय ' सेट था ।
चुपचाप कुछ दिनों पहले एलेक्स को ' सुपर स्टेशन टॉय ' उपहार में मिला था ।
एलेक्स और उसके पापा को इसे तैयार करने में पूरे दो दिन का समय लगा था ।
पुराने खिलौने उन्हें देखकर सोच रहे थे , ' हमें तो नहीं लगता कि कोई बात बनेगी । '
लेकिन दो दिन की लंबी मेहनत के बाद ' सुपर स्टेशन टॉय ' बनकर तैयार हो गया ।
पुराने खिलौनों को सुपर स्टेशन पसंद नहीं आया , लेकिन इससे क्या अंतर पड़ता था ।
एलेक्स को सुपर स्टेशन बहुत पसंद था ।
पुराने खिलौने इंतजार करने लगे कि एलेक्स कब उससे बोर हो और उनके पास वापस आए ।
लेकिन एलेक्स दिन रात उसी ट्रेन से खेलता रहता था ।
एक रात सभी पुराने खिलौनों , ने मिलकर फैसला किया कि वे
उस नई ट्रेन को तोड़ देंगे ।
उन्होंने सोचा कि नई ट्रेन टूटने के बाद एलेक्स शायद उनके साथ खेलने लगे ।
उस रात एलेक्स के हल्के खर्राटों की आवाज सुनते ही सभी पुराने खिलौने नई ट्रेन के पास पहुंच गए ।
तभी उन्हें एक तेज आवाज सुनाई दी , “ कू ... कू ... कू ... ! छुक - छुक ! "
ट्रेन छुक - छुक करती हुई उन्हीं की तरफ आ रही थी ।
इंजन से दो लाल दहकती आंखें उन्हें देख रही थीं ।
फिर वह ट्रेन सीधे उनकी ओर आ गई ।
ऐसे में सभी खिलौने पटरी के कोने पर जा गिरे ।
सबको काफी चोटें आईं ।
जब तक वे संभलते , तब तक ट्रेन निकल चुकी थी और स्टेशन बहुत शान से खड़ा था ।
सुबह होने वाली थी ।
सभी पुराने खिलौने अपनी जगह वापस जाकर खड़े हो गए ।
रोबोट सोचने लगा , ' ऐसा कैसे हुआ ?
मैंने उस ट्रेन को आते भी नहीं देखा था ।
मुझे तो ऐसा लगता है कि वह हमारी जान लेना चाहती है ।
हम आज फिर उस ट्रेन को तोड़ने की कोशिश करेंगे ।
' सभी पुराने खिलौनों ने हामी भरी , लेकिन उस रात भी उनके साथ वही हुआ ।
वे सभी बाल - बाल बचे ।
फिर आगामी अनेक रातों में भी लगातार यही सब होता रहा ।
उन्हें एहसास हो रहा था कि उस ट्रेन का लाल आंखों वाला इंजन उनके खून का प्यासा हो गया है ।
उसकी आंखें देखकर लगता था कि वे किसी राक्षस की आंखें हैं ।
रोबोट ने कहा , “ बस , आज आखिरी बार कोशिश करेंगे , फिर उसके पास कोई नहीं जाएगा । "
उस रात नई ट्रेन उसी गति से आई ।
तभी एक खिलौने ने उसकी लाल आंखों पर हथौड़ी दे मारी ।
वह भयंकर राक्षस वहीं मर गया ।
उस रात गाड़ी स्टेशन पर ठहर गई ।
तब पुराने खिलौनों ने फैसला किया कि वे उसे कोई हानि पहुंचाने के बजाय उससे दोस्ती कर लेंगे ।
इसके बाद उन्होंने उस ट्रेन से दोस्ती कर ली ।
पुराने खिलौनों को अब मिलकर रहने में ज्यादा आनंद आने लगा ।