वह एक खूबसूरत दिन था ।
पैटी और ऑलिव अपने घर के पास स्थित एक नदी में तैर रही थीं ।
पैटी ने कहा , “ चलो देखते हैं कि कौन पानी के अंदर देर तक रह सकता है ।
" ऑलिव ठीक से तैरना नहीं जानती थी , इसलिए वह यह शर्त नहीं जीत सकती थी ।
फिर भी उसने पानी में छलांग लगा दी ।
पैटी पहले ही पानी में कूद चुकी थी ।
कुछ देर बाद ऑलिव सांस लेने के लिए पानी से बाहर आई , लेकिन पैटी का कोई पता नहीं था ।
ऑलिव सोचने लगी कि आखिर पैटी पानी से बाहर क्यों नहीं आ रही है ?
तभी किसी ने ऑलिव को भी पानी के अंदर खींच लिया । वह तेजी से नीचे की ओर जाने लगी ।
ऑलिव जानती थी कि वह बहुत गहरी नदी है ।
वह महसूस कर रही थी कि कोई व्यक्ति उसे पानी में बहुत नीचे खींच रहा है ।
अचानक सब कुछ रुक गया और ऑलिव अपने पैरों पर खड़ी हो गई ।
वह नदी के तल पर थी ।
वहां बहुत से सुंदर पौधे और विभिन्न प्रकार की मछलियां थीं । लेकिन उसे इस
बात की सख्त हैरानी हुई कि वह वहां बड़े आराम से सांस ले रही थी ।
पैटी उसके ठीक सामने खड़ी थी , लेकिन उसके पैरों और हाथों को बेलों द्वारा बांध दिया गया था ।
उसके सामने ऑक्टोपस जैसा एक मोटा और काफी बड़ा राक्षस बैठा था , जिसका सिर मगरमच्छ के समान था ।
उसके दांत बड़े और तीखे थे ।
उस राक्षस के आठों पैरों में मुड़े हुए नाखून थे ।
" मेरी सहेली को छोड़ दो । " ऑलिव चिल्लाई । “
तुम्हें पहले दुनिया की सबसे कीमती चीज लाकर मुझे देनी होगी ।
वह चीज कुछ ऐसी हो , जो मुझे बहुत पसंद आए ।
तभी तुम्हारी सहेली यहां से जा सकेगी ।
" उस राक्षस ने कहा । ऑलिव की समझ में नहीं आ रहा था कि राक्षस को क्या दिया जाए ।
लेकिन उसे अपनी सहेली को बचाने का कोई न कोई उपाय तो करना ही था ।
वह किनारे की ओर तैरते हुए सोचने लगी कि राक्षस ने उसे केवल पांच घंटे दिए थे ।
अगर वह उतने समय में कोई अच्छी चीज न ला पाई , तो राक्षस पैटी को खा जाएगा ।
मोती , गहने , वीडियो गेम्स , जूते , फोन ... ऑलिव को जो भी मिल सकता था , उसने सब कुछ ले लिया ।
उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि राक्षस क्या पसंद करेगा ।
ऑलिव सब कुछ लेकर नदी में वापस गई और सारा सामान राक्षस के आगे डाल दिया ।
वह एक - एक चीज को देखकर कहता , " नहीं ! नहीं ! ये भी नहीं चाहिए । "
ऑलिव का दिल डूबने लगा ।
अचानक राक्षस ने पूछा , “ अरे ! ये क्या है ? "
उसने ऑलिव का क्रिस्टल बॉल हाथ में ले रखा था ।
जब उस बॉल को हिलाया जाता , तो उसमें नन्ही परी नाचने - गाने लगती और ग्लोब के अंदर बर्फ के छोटे - छोटे कतरे तैरने लगते ।
राक्षस उस क्रिस्टल बॉल को हिलाकर नाच देखने में मग्न हो गया ।
इस दौरान ऑलिव ने पैटी का सारा बंधन खोला और वे दोनों तेजी से ऊपर की ओर तैरती हुई नदी के किनारे पहुंच गईं ।
इस प्रकार ऑलिव और पैटी उस ऑक्टोपस राक्षस से मुक्ति पा गईं ।
अक्सर किसी शांत रात में आज भी उस नदी के नीचे से परी के गाने का स्वर सुनाई देता है ।