मिस्टर हेक का बदला

बालिकाओं की शिक्षा दायक कहानी

जब भी मिस्टर हेक किसी दावत में जाते ,

तो लोग झटपट इधर - उधर चले जाते ।

दरअसल , मिस्टर हेक को कहानियां सुनाने का बहुत शौक था ।

वे सारे किस्से इतनी बार सुना चुके थे कि सभी लोगों को मुंहजुबानी याद हो गए थे ।

उन्हीं किस्सों को बार - बार सुनने से लोगों को ऊब महसूस होती थी ।

यही वजह थी कि वे मिस्टर हेक को देखते ही इधर - उधर खिसक जाते थे ।

एक दिन बड़ी अजीब बात हुई ।

जब मिस्टर हेक मिस्टर और मिसेज लोगन के घर गए , तो उनके कपड़ों से पानी टपक रहा था ।

घर के सभी लोग उन्हें हैरानी से देखने लगे ।

“ मिस्टर हेक ! यह क्या हुआ ? "

मिसेज लोगन ने उन्हें सिर सुखाने के लिए तौलिया लाकर दिया ।

मिस्टर हेक आग के पास बैठ गए और घर के लोग उनके आसपास खड़े हो गए ।

" मिस्टर लोगन ! वह एक भूत था ।

" मिस्टर हेक बोले । “ एक भूत ? " सबने एक साथ कहा ।

" हां , मैं झरने के पास बने लकड़ी के पुल से घर आ रहा था ।

अंधेरा हो रहा था ।

तभी मैंने कोई सरसराहट सुनी ।

मैंने आसपास देखा , तो कोई नहीं दिखाई दिया ।

जब मैं आगे बढ़ा , तो मुझे फिर सरसराहट सुनाई दी ।

" सभी लोग आंखें फाड़े उनकी बातें सुन रहे थे ।

“ मैंने पानी में देखा , तो मुझे उसमें क्या दिखाई दिया ? "

“ क्या दिखाई दिया ? "

सबकी उत्सुकता बढ़ रही थी ।

“ पानी में मुझे एक बहुत बड़ी गोल्ड फिश दिखाई दी ।

जब मैंने उसे देखा , तो वह संतरी और सुनहरे रंग की पोशाक वाली युवती में बदल गई ।

यह देखकर मैं मोहित हो उठा ।

उसने मुझे पुकारा , ' मिस्टर हेक ! मेरे गहने पानी में गिर गए हैं ।

क्या आप उन्हें ढूंढ देंगे ? '

" मैं तो उसके सौंदर्य के जादू में खोया था ।

मैंने यह भी नहीं सोचा कि उसे मेरा नाम कैसे मालूम हुआ ।

मैंने झट से पानी में छलांग लगा दी ।

“ मैं पानी के भीतर उसके गहने ढूंढ रहा था ।

तभी मैंने देखा कि एक बड़ा - सा कछुआ मेरी तरफ आ रहा है ।

वह मुझे देखकर मुस्कराया और बोला , ' तो उसने तुम्हें भी मूर्ख बना दिया ? '

मैंने उससे पूछा कि वह क्या कहना चाहता था ।

उसने कहा , ' मुझे ध्यान से देखो ।

क्या तुमने मुझे पहचाना नहीं ?

' जब मैंने उसे ध्यान से देखा ,

तो ऐसा लगा कि उसका चेहरा मिस्टर फिन से मिलता था , जो पिछले साल गायब हो गए थे । "

' अच्छा ! वह राशन की दुकान वाले मिस्टर फिन ।

वे कछुआ बन गए हैं ? हे भगवान ! " किसी ने आश्चर्य से कहा ।

" मिस्टर फिन बोले , ' यहां कोई गहना नहीं है ।

तुम उसका शिकार हो गए हो ।

वह जादू करके लोगों को केकड़ा , मछली या कछुआ बना देती है ।

अपने आसपास देखो , तो तुम्हें सब कुछ समझ में आ जाएगा ।

' मैंने अपने आसपास कई तरह के जानवर देखे ।

ऐसे में मैं इतना डर गया कि सीधा भागता हुआ आपके घर आ गया । "

उस दिन के बाद से कोई भी व्यक्ति रात के समय लकड़ी के पुल से नहीं जाता ।

अब मिस्टर हेक अपनी आरामकुर्सी पर बैठे हंसते रहते हैं ।

उन्होंने अपने पड़ोसियों से बदला ले लिया है , जो अक्सर उनकी कहानी आरंभ होते ही वहां से भाग जाया करते थे ।

अब मिस्टर हेक के पड़ोसी उनके आसपास मंडराते रहते हैं ।

वे चाहते हैं कि मिस्टर हेक उन्हें उस दिन के बारे में विस्तार से बताएं ।

जब भी मिस्टर हेक किसी दावत में जाते हैं , तो लोग नाच - गाना भूलकर उनके पास इकट्ठा हो जाते हैं ,

ताकि वे उस किस्से को बार - बार सुन सकें ।