मैटी अपने जीवन में कुछ न कुछ रोमांच चाहती थी ।
वह प्रतिदिन समय पर स्कूल जाती और कक्षा में अपना काम करती ।
घर आकर स्कूल का काम पूरा करती ।
फिर घर के काम में अपनी मां का हाथ बंटाती और रात को खाना खाकर सो जाती ।
इस प्रकार उसका जीवन बहुत नीरस था ।
वह ऐसे जीवन से ऊबने लगी थी ।
लेकिन मैटी को यह नहीं मालूम था कि उसके खिलौनों में एक जादुई जोकर भी था ।
वह अक्सर उसकी बातें सुना करता था ।
वह जान गया था कि मैटी क्या चाहती थी ।
इसलिए उसने निश्चय किया कि वह उसके जीवन में थोड़ा रोमांच पैदा करेगा ।
एक रात जब मैटी गहरी नींद में थी , तो उसने एक आहट सुनी ।
उसे लगा कि मानो कोई उसकी खिड़की को खटखटा रहा हो ।
वह उठ बैठी ।
उसने देखा कि खिड़की पर नीले रंग की एक सुंदर बिल्ली बैठी थी ।
वह खिड़की पर पंजे मारते हुए ' म्याऊं म्याऊं ' कर रही थी ।
मैटी अपने बिस्तर से उठी और खिड़की खोल दी ।
नीली बिल्ली उसे देखकर मुस्कराई और बोली , " हैलो मैटी ! क्या हम बाग में चलें ? "
मैटी ने बिल्ली को हैरानी से देखा ।
उसने पूछा , “ तुम कौन हो ? ”
“ मैं नीली बिल्ली कोबाल्ट हूं , लेकिन सब लोग मुझे प्यार से ' कोबी ' कहकर बुलाते हैं । "
मैटी ने तुरंत अपने पजामे पर कोट पहना और खिड़की से कोबी के साथ बाग में पहुंच गई ।
मैटी की समझ में यह नहीं आया कि उसका बाग सुबह तो ऐसा नहीं था , जैसा अब दिख रहा था ।
बाग में चारों ओर कागज की लालटेनें जल रही थीं ।
बौने लोग कुदालें और खुरपियां लेकर फूलों की क्यारियां संवार रहे थे ।
उसने अपनी आंखें मलीं , तो हैरान रह गई ।
नन्ही परियां सुंदर पंखों और वस्त्रों में इधर - उधर उड़ रही थीं तथा अपने हाथों में लिए पेंट एवं ब्रश से हर चीज को रंग रही थीं ।
परियों ने लाल , पीले , हरे , गुलाबी और संतरी रंगों से चारों ओर की चीजों को रंग दिया था ।
इस कारण वे चीजें पहले से अधिक सुंदर दिखने लगी थीं ।
उनमें एक अजीब - सा आकर्षण आ गया था ।
मैटी ने देखा कि नीली बिल्ली एक कोने में बैठी बांसुरी बजा रही थी ।
उसके साथ बैठा खिलौना जोकर ड्रम बजा रहा था ।
कुछ ही देर में संगीत रुक गया , बत्तियां बंद हो गईं तथा बौने और परियां ओझल हो गए ।
जब मां ने आकर मैटी को उठाया , तो देखा कि वह खिलौना जोकर को हाथों में लिए सो रही थी ।
अगली रात नीली बिल्ली मैटी को अपने साथ पेड़ों के ऊपर से ले गई ।
वहां जोकर छत पर बैठा था और खुश होकर किलकारियां भर रहा था ।
फिर अचानक सब कुछ ओझल हो गया और मैटी ने खुद को पलंग पर पाया ।
अगली रात मैटी ने देखा कि उसके बाग में एक झील बन गई थी ।
नीली बिल्ली जोकर के साथ एक नाव में बैठी थी ।
मैटी को चांदनी रात में नाव की सैर करने में बहुत आनंद आया ।
सुबह मैटी यह सोचकर उठती कि शायद वह सब कुछ सपने में देखती होगी ।
फिर अचानक एक दिन उसकी नजर अपने खिलौनों पर गई ।
उसने देखा कि वहां तो सचमुच नीले रंग के बालों वाली एक खिलौना बिल्ली बैठी थी ।
अब मैटी की समझ में आ गया कि वह हर रात सपना नहीं देखती थी ।
यह एक अलग ही दुनिया थी , जो सारी दुनिया के सोने के बाद जाग जाती थी ।
मैटी उस दुनिया की भी सैर करने लगी थी ।