फाउंडलिंग

बहुत समय पहले की बात है ।

किसी जंगल में शिकारी को एक बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी ।

जब उसने अपने आसपास देखा , तो उसे पेड़ की शाखा पर रोता हुआ एक बच्चा दिखाई दिया ।

वह तुरंत पेड़ पर चढ़ा और बच्चे को नीचे उतार लाया ।

फिर शिकारी बच्चे को अपने घर ले आया , बच्चे के माता - पिता को जंगल में कहां ढूंढ़ता ।

उसने बच्चे का नाम ' फाउंडलिंग ' रख दिया ।

शिकारी की एक बेटी थी लीना ।

दोनों बच्चे बड़े आराम से पलने लगे ।

भाई - बहन के बीच गहरा प्यार था ।

वे दोनों हमेशा मिलकर खेलते । शिकारी भी खुश था कि उसकी बिन मां की बच्ची को एक साथी मिल गया था ।

एक बार शिकारी दूसरे जंगल में शिकार करने चला गया ।

उसने घर की नौकरानी से कह दिया कि वह बच्चों का ध्यान रखे ।

लेकिन शिकारी को पता नहीं था कि वह नौकरानी एक दुष्ट जादूगरनी थी ।

एक दिन लीना ने उसे पास वाले तालाब से बाल्टी में पानी लाते देखा ।

उसने उससे पूछा कि यह पानी किसलिए ले जा रही हो ?

जादूगरनी बोली , " किसी को बताना मत ! मैं इस पानी में फाउंडलिंग को उबालकर एक जादू करना चाहती हूं ।

इस कारण मेरी जादुई शक्तियां बढ़ जाएंगी और मैं अपने कार्यों में सफल हो जाऊंगी ।

यह सुनकर लीना डर गई ।

उसे अपने भाई फाउंडलिंग से बहुत प्यार था ।

उनके पिता भी घर में नहीं थे , इसलिए वे किससे मदद मांगते ।

अगली सुबह उठते ही दोनों जंगल की ओर चल दिए ।

जब जादूगरनी ने देखा कि बच्चे घर में नहीं हैं , तो उसे बहुत गुस्सा आया ।

उसने दूसरे नौकर से कहा कि वह बच्चों के लिए खाना पका रही है ।

वह उन्हें जंगल से ले आए । नौकर बच्चों को ढूंढने जंगल में चला गया ।

फाउंडलिंग के पास भी जादुई ताकतें थीं ।

उसने खुद को गुलाब की झाड़ी और लीना को गुलाब के फूल में बदल दिया ।

नौकर वहां तक गया , लेकिन उन्हें खोज नहीं सका ।

उसने घर जाकर जादूगरनी से बताया , “ बच्चों के पैरों के निशान गुलाब की एक झाड़ी तक ही मिले हैं ।

इसके बाद उनका कुछ पता नहीं चला ।

" यह सुनकर जादूगरनी गुस्से से आग - बबूला हो गई ।

वह किसी भी हाल में फाउंडलिंग पर जादू करना चाहती थी ।

इसलिए जादूगरनी नौकर पर चिल्लाई , " अरे , मूर्ख ! गुलाब की झाड़ी और फूल ही तो बच्चे हैं ।

तुझे ठीक से दिखाई नहीं दिया ।

मैं ही उन्हें लेकर आती हूं ।

" यह कहकर जादूगरनी तुरंत जंगल की ओर चल पड़ी ।

लेकिन जादूगरनी को वह जगह कहीं नहीं दिखी , जिसके बारे में नौकर ने बताया था ।

उसने सारा जंगल छान मारा , मगर गुलाब की झाड़ी और फूल कहीं नहीं दिखाई दिए ।

तभी जादूगरनी को जंगल के बीच एक छोटी झील में एक बतख दिखाई दी ।

वह बुरी तरह थक गई थी और कहीं बैठकर आराम करना चाहती थी ।

लीना के कारण उसका बना बनाया खेल बिगड़ गया था ।

उसने तय किया कि वह लीना पर भी जादू कर देगी ।

जादूगरनी झील के पास बैठी थी , लेकिन उसे यह नहीं मालूम था कि झील ही फाउंडलिंग है और बतख लीना है ।

ज्यों ही जादूगरनी पानी पीने के लिए झुकी , बतख ने आकर उसके बालों को पकड़ लिया और उसका सिर पानी में डुबोने लगी ।

कुछ ही देर में दुष्ट जादूगरनी झील में डूब गई ।

फाउंडलिंग और लीना अपने असली रूप में आ गए ।

जादूगरनी के मर जाने पर उन्होंने चैन की सांस ली ।

जब वे घर आए , तो उनके नौकर ने बताया कि नौकरानी उन्हें खोजने जंगल में गई थी और अभी तक नहीं लौटी ।

वे दोनों मुस्कराकर खेलने लगे ।