स्नोफॉल यूनिकॉर्न

बहुत समय पहले की बात है ।

एक राज्य बर्फ से ढकी चोटियों , चमकती नदियों और हरी घास से भरे मैदानों के लिए बहुत प्रसिद्ध था ।

लेकिन एक बार वहां बारिश नहीं हुई ।

सारी धरती सूखने लगी ।

गर्मी के मौसम में नदियां सूख गईं और फूल कुम्हलाने लगे ।

उस साल वहां फसल भी नहीं हुई थी ।

ऐसे में राजा को चिंता होने लगी , क्योंकि उसकी प्रजा भूखों मर रही थी ।

उसने राज्य के सभी मंत्रियों , अधिकारियों आदि से इस बारे में चर्चा की ।

उन्होंने कहा कि हमें वर्षा के देवता को प्रसन्न करने के लिए नृत्य करना चाहिए ।

फिर ऐसा ही किया गया , लेकिन बारिश नहीं हुई ।

अब किसी ने सलाह दी कि उन्हें बड़ी नदी का रुख अपने राज्य की ओर मोड़ देना चाहिए ।

लेकिन जब अधिकारियों ने वहां जाकर देखा , तो उन्हें नदी सूखी मिली ।

प्रजा राज्य को छोड़कर अन्यत्र जाने लगी ।

लोग ऐसे इलाकों में जा रहे थे , जहां उन्हें अपने लिए पानी मिल सकता था ।

राजा की सबसे छोटी बेटी ग्रेस भी यह सब देखकर बहुत दुखी थी ।

क्रिसमस आने वाला था और इस बार अभी तक बर्फ नहीं पड़ी थी ।

वह सूखी धरती को देखकर रोने लगी ।

उसने चमकते हुए सितारों से

प्रार्थना की कि वे उसके राज्य में वर्षा और बर्फ भेजें ।

उनमें से एक तारा बहुत तेज चमक रहा था ।

ग्रेस को लगा कि वह उसे कोई संकेत दे रहा है . लेकिन उसकी समझ में कुछ नहीं आया ।

उसने निश्चय किया कि वह उसके पीछे - पीछे जाएगी ।

इस तरह राजकुमारी ग्रेस एक सूखे जंगल में पहुंच गई ।

वहां उसने एक अजीब - सा दृश्य देखा ।

पेड़ों पर पत्ते नहीं थे , लेकिन जंगल के बीच एक यूनिकॉर्न रस्सियों से बंधा पड़ा था ।

यूनिकॉर्न एक सफेद रंग का घोड़ा होता है , जिसके माथे के बीच एक सींग होती है ।

दयालु राजकुमारी दौड़कर उसके पास गई और जल्द ही उसे रस्सियों से मुक्त कर दिया ।

ज्यों ही उसने उसे सहलाया , यूनिकॉर्न ने आंखें खोल दीं ।

तभी अचानक राजकुमारी को अपने हाथ पर कुछ गीली और मुलायम चीज गिरती महसूस हुई ।

ये क्या ! बर्फ गिरने लगी थी ।

यूनिकॉर्न ने उठकर अपने - आपको झाड़ा और राजकुमारी के आगे झुकते हुए कहा , “ दयालु राजकुमारी ! आपका आभार ।

मैं स्नोफॉल हूं । मुझे कुछ दुष्ट शिकारियों ने पकड़कर बांध दिया था , ताकि मैं बर्फ न ला सकूं ।

इस तरह सारे मौसम पर उनका कब्जा हो जाए । "

यूनिकॉर्न की बातें सुनकर राजकुमारी बहुत खुश हुई ।

यूनिकॉर्न ने कहा कि वह उसे अपनी पीठ पर बिठाकर महल तक छोड़ आएगा । राजकुमारी उसकी पीठ पर बैठ गई ।

जब यूनिकॉर्न जंगल से गुजरा , तो राजकुमारी ने अपने आसपास की धरती पर बड़ा बदलाव देखा ।

पेड़ों पर पत्ते निकलने लगे थे ।

सूखी धरती पर घास और फूल दिखाई दे रहे थे ।

धीरे - धीरे गिरने वाली बर्फ के कारण सब कुछ सफेद होता जा रहा था ।

नन्हे पक्षी और जानवर अपने रोजमर्रा के कामों के लिए निकल पड़े थे ।

जिस दिन राजकुमारी प्रेस अपने महल पहुंची , उस दिन क्रिसमस आ गया था ।

यह एक सफेद क्रिसमस था ।

उसने यूनिकॉर्न से कहा कि उसे उनके महल से जुड़े बागों में ही रहना चाहिए , ताकि फिर कोई शिकारी

उसे बंदी न बना सके । यूनिकॉर्न को यह प्रस्ताव पसंद आ गया ।

वह भी यही चाहता था कि सभी सुखी रहें , खुश रहें ।

उसने देख लिया था कि उसके कारण ही सारी प्रजा संकट में पड़ गई थी ।

वह नहीं चाहता था कि ऐसी घटना दोबारा हो ।

उसने वहीं रहने के लिए हामी भर दी ।

फिर यूनिकॉर्न के सम्मान में एक बड़ा समारोह हुआ ।

उस दिन वह घुंघरू बंधे पैरों के साथ खूब नाचा । आजादी का स्वाद ऐसा ही होता है ।