खो गया बेंजी

जेनी हमेशा की तरह अपने कमरे में व्यस्त थी ।

उसे किताबें पढ़ना और अपने कंप्यूटर पर काम करना बहुत पसंद था ।

वह घर से बाहर खेलने कभी नहीं जाती थी ।

यह देखकर उसके मम्मी पापा बहुत चिंता करते थे ।

एक दिन जेनी के पापा ने कहा , " यह तो अच्छी बात है कि जेनी पढ़ाई में बहुत तेज है , लेकिन उसे ताजी हवा में भी जाना चाहिए ।

ऐसा करना उसकी सेहत के लिए अच्छा होगा ।

" मम्मी ने जेनी के पापा का समर्थन करते हुए कहा , “ मैं भी यही चाहती हूं , लेकिन उसे अपनी किताबों और कंप्यूटर से ही समय नहीं मिलता ।

मैं अपनी ओर से हर तरह की कोशिश करके हार गई हूं ।

" बहुत देर तक सोचने के बाद अंततः उन्होंने तय किया कि जेनी के लिए एक पालतू जानवर ले आना चाहिए ।

इस तरह ' बेंजी ' को एक टोकरी में लाया गया ।

वह भूरे और सफेद रंग का एक छोटा सा स्पेनियल पिल्ला था ।

जब जेनी ने बेंजी को देखा , तो उसे उस नन्हे पिल्ले से प्यार हो गया ।

बेंजी बहुत नटखट और शरारती पिल्ला था ।

बेंजी जेनी के स्कूल से आने का इंतजार करता रहता था , ताकि वह उसे घुमाने ले जाए ।

वे दोनों घास के मैदान में घूमते और तितलियों का पीछा करते ।

बेंजी अपने मुंह में छोटी - छोटी टहनियां लेकर जेनी के पास आता ।

इस तरह उन्हें खेलने में बहुत मजा आता था ।

अब जेनी उसके साथ खुशी - खुशी बाहर जाती थी ।

घर में दोनों लुका - छिपी का खेल खेलते ।

कई बार बेंजी जेनी के जूते और जुराबें भी छिपा देता ।

लेकिन एक दिन अचानक बेंजी खो गया , जब जेनी उसे पार्क में घुमाने ले गई थी ।

जेनी ने उसे हर जगह ढूंढ़ा ।

उसने झाड़ियों के पीछे भी देखा , लेकिन बेंजी का कोई पता नहीं चला ।

जेनी को आशा थी कि शायद वह अपने - आप घर वापस आ जाए - यह सोचकर वह घर लौट आई , लेकिन बेंजी घर नहीं आया ।

वह बहुत बुरा दिन था । घर के सभी लोग बेंजी को याद कर रहे थे ।

जेनी और उसके पापा ड्राइंग रूम में उदास बैठे थे । जेनी सोच रही थी कि

कहीं उसका प्यारा बेंजी किसी मुश्किल में न पड़ गया हो ।

अगर किसी बड़े कुत्ते ने उस पर हमला कर दिया , तो वह अपने आपको नहीं बचा सकेगा ।

तभी मम्मी ने आवाज लगाई , " जेनी ! आओ , खाना लगा दिया है ।

खा लो । " जेनी खाने की मेज पर गई और अपने लिए खाना निकाला , लेकिन उससे खाना नहीं खाया गया ।

उसे बार बार अपने बेंजी का ख्याल आ रहा था । वह सोच रही थी कि उसे कहां ढूंढना चाहिए ।

वह सबसे माफी मांगकर अपने कमरे में चली गई ।

काफी रात होने पर घर के दरवाजे पर पंजों से वार करने की आवाज आई ।

मम्मी - पापा आवाज सुनकर उठ गए ।

जेनी सीढ़ियों के पास खड़ी होकर देखने लगी कि इतनी रात को घर में कौन आया था ।

अरे ! बेंजी लौट आया । लेकिन वह अकेला नहीं था । उसके साथ एक दूसरा पिल्ला भी था ।

वह भी एक कॉकर स्पेनियल डॉगी था ।

बस उसका रंग बेंजी से थोड़ा ज्यादा भूरा था ।

वे दोनों धूल और कीचड़ से लथपथ थे । लेकिन जेनी बेंजी को देखकर इतनी खुश हुई कि वह उसके गले से लिपट गई ।

बेंजी भी उससे मिलकर बहुत खुश हुआ ।

वह अपने जुड़वां डॉगी को कहीं से ढूंढ लाया था ।

दोनों जेनी के स्कूल से आने की राह देखते ।

जब जेनी अपना स्कूल का काम पूरा कर लेती , तो वह बेंजी और उसके जुड़वा डॉगी ' मॉली ' के साथ खेलने चली जाती ।