रानी और हंस

बहुत समय पहले की बात है ।

एक खूबसूरत राजकुमारी का विवाह एक राजा से हुआ और वे पहाड़ पर बने किले में रहने लगे ।

राजा बहुत वफादार पति था ।

उसे अपनी पत्नी ( रानी ) से काफी प्रेम था . लेकिन वह हर रात कहीं चला जाता और सुबह होने पर वापस आता ।

एक दिन जब रानी ने अपने पति से इस बारे में पूछा ,

तो उसने कहा कि वह कभी उससे इस बारे में बात न करे और न ही उसके पीछे आए ।

राजा हर रात पहाड़ों के बीच बनी झील की ओर चला जाता ।

रानी को यह चिंता सताती थी कि कहीं उसका पति किसी मुसीबत में न फंस जाए ।

एक रात वह भी उसके पीछे चल पड़ी ।

राजा चलते - चलते एक पहाड़ी टापू पर पहुंच गया , जो चांदी की तरह जगमगा रहा था ।

वहां चारों ओर सफेद हंस दिख रहे थे ।

टापू पर एक लंबा आदमी रुपहला चोगा पहने खड़ा था ।

ज्यों ही राजा झील के पास पहुंचा , वह एक सुंदर काले हंस में बदल गया ।

यह देखकर रानी बुरी तरह डर गई ।

आज से पहले उसने ऐसा जादू कभी नहीं देखा था ।

उस लंबे आदमी के संकेत पर काला हंस सारी रात हंसों के साथ नाचता रहा ।

जब सुबह हुई , तो काला हंस राजा बन गया ।

रानी ने देखा कि वह अपने आंसू पोंछ रहा था ।

वह झटपट वहां से भागकर अपने किले में पहुंच गई ।

रानी जान गई थी कि यह सब उसके पति से जबरदस्ती करवाया जा है ।

रानी उसकी मदद करना चाहती थी , लेकिन उसे कोई उपाय नहीं सूझ रहा था ।

अंततः वह एक सयानी बूढ़ी के पास गई और उसे इस बारे में बताया ।

बूढ़ी ने कहा , " वह लंबा आदमी एक जादूगर है ।

उसने राजा पर जादू कर रखा है । उसी के कारण राजा रोज रात को काला हंस बनकर नाचता है ।

उसका जादू तोड़ने का एक ही उपाय है ।

" रानी अपने हाथ जोड़ते हुए बोली , “ अपने पति को बचाने के लिए मैं कुछ भी करने को तैयार हूं ।

आप बताएं कि मुझे क्या करना होगा ? " बूढ़ी ने कहा , " अगर तुम दुष्ट जादूगर का जादू तोड़ना चाहती हो ,

तो तुम्हें उसका दिल ढूंढ़कर नष्ट करना होगा ।

उसने अपना दिल एक हीरे में बंद करके झील में छिपा रखा है ।

" यह सुनकर रानी को बहुत डर लगा , लेकिन वह किसी भी तरह अपने पति की रक्षा करना चाहती थी ।

उस रात वह फिर राजा के पीछे गई और जैसे ही नाच शुरू हुआ , उसने झील में छलांग लगा दी ।

लेकिन जादूगर ने उसे देख लिया और उसे भी अपने जादू से बांध दिया ।

इस घटना से जादूगर को बहुत गुस्सा आया ।

उसने राजा से कहा कि मैं तुम्हें हमेशा के लिए हंस बना दूंगा ।

यह सुनकर रानी का दिल बुरी तरह टूट गया ।

वह तो अपने पति की मदद करने आई थी , लेकिन यहां सब कुछ उल्टा हो रहा था ।

तभी उसका पति उससे बोला , " मुझे कितनी बहादुर और प्यार करने वाली पत्नी मिली है ।

जब मैं जादूगर पर हमला करूं , तो तुम फिर झील में कूद जाना ।

" ज्यों ही काले हंस ने अपने पंखों और चोंच से जादूगर पर हमला किया , रानी ने झील में छलांग लगा दी ।

वह जल्दी - जल्दी पानी के नीचे पहुंची । वहां उसे चमचमाता हीरा दिखाई दिया ।

वह उसे पानी से बाहर लाई और एक पत्थर मारकर चूर - चूर कर दिया ।

उस हीरे के टूटते ही जादूगर का जादू टूट गया ।

जादूगर बादल बनकर ओझल हो गया ।

राजा अपने सभी सहायकों के साथ असली रूप में आ गया , जिन्हें जादूगर ने सफेद हंसों में बदल दिया था ।

इसके बाद राजा और रानी खुशी - खुशी अपने किले में रहने लगे ।