मदर हॉली

किसी स्थान पर एक विधवा औरत अपनी बेटी के साथ रहती थी ।

उसकी बेटी बहुत आलसी थी , लेकिन सौतेली बेटी बहुत मेहनती थी ।

वह अपनी बेटी से बहुत प्यार करती थी , लेकिन सौतेली बेटी को नहीं चाहती थी ।

वह उससे घर का सारा काम करवाती थी ।

एक दिन सौतेली बेटी चरखा कात रही थी , तभी उसके हाथ पर चोट लगने से खून निकलने लगा ।

चरखे के शटल पर भी खून लग गया ।

सौतेली बेटी जब शटल को साफ करने कुएं पर गई , तो शटल उसके हाथ से छूटकर पानी में गिर गया ।

यह देखकर सौतेली बेटी बहुत डर गई और उसने भी कुएं में छलांग लगा दी ।

कुएं के अंदर का नजारा बहुत निराला था । वहां एक मैदान में धूप खिली थी ।

अचानक सौतेली बेटी को किसी के चिल्लाने की आवाज सुनाई दी , “ हमें निकालो , हमें बचाओ । "

उसने देखा कि भट्ठी में रोटियां चिल्ला रही थीं ।

उसने उन्हें निकाला , तो वे जलने से बच गई ।

जब वह थोड़ा आगे गई , तो एक पेड़ चिल्लाने लगा , “ मुझे हिला दो , मुझे हिला दो ।

सारे सेब पक गए हैं । '

"

जब उस लड़की ने पेड़ को हिला दिया , तो पेड़ ने उसे धन्यवाद दिया ।

उसने सारे सेबों को एक कोने में सलीके से रख दिया ।

जब वह आगे गई , तो उसकी भेंट एक सुंदर घर में रहने वाली बुढ़िया से हुई ।

वह बोली , “ मैं मदर हॉली हूं ।

क्या तुम यहीं रहकर मेरे घर की देखरेख करना चाहोगी ?

अगर तुम सारे काम ठीक से करोगी , तो तुम्हारी किस्मत बदल जाएगी ।

तुम्हें मेरा बिस्तर लगाना होगा और अच्छी तरह झाड़ना होगा , ताकि उस पर जमे पंख हट जाएं ।

" वह लड़की बहुत मेहनती थी ।

उसने पूरी मेहनत से सारा काम करना शुरू कर दिया ।

बुढ़िया उसे बहुत प्यार करती थी ।

उसे अच्छा खाना मिलता और सोने के लिए आरामदायक पलंग दिया जाता ।

मदर हॉली उससे बहुत खुश थीं , लेकिन लड़की को अपने घर की याद सताती थी ।

यह जानकर मदर हॉली ने उस लड़की के जाने के लिए एक दरवाजा खोल दिया ।

जब वह वहां से बाहर जाने लगी , तो अचानक उसके ऊपर सोने की पत्तियों की बारिश हुई और वह सोने से लद गई ।

मदर हॉली ने लड़की को उसका शटल दे दिया और उसे हाथ हिलाया ।

जब वह लड़की अपने घर पहुंची , तो उसकी सौतेली मां और बहन उसे सोने से लदी देखकर हैरान हो गई ।

उसने उन्हें मदर हॉली के बारे में बताया ।

सौतेली मां चाहती थी कि उसकी बेटी मदर हॉली के पास जाए , ताकि उसे भी वापसी में इतना सोना मिल सके , लेकिन उसकी बेटी बहुत आलसी थी ।

वह जाना ही नहीं चाहती थी ।

उसे तो कुएं से भी डर लग रहा था , लेकिन उसकी मां ने उसे कुएं में धकेल दिया ।

वह लड़की भी कुएं से होती हुई उसी रास्ते पर पहुंच गई ।

वह आगे बढ़ती जा रहीं थी ।

लेकिन वह बहुत बदतमीज , आलसी और किसी की परवाह न करने वाली लड़की थी ।

आगे बढ़ने पर जब रोटियों ने उसे पुकारा , तो वह उन्हें अनुसना करके आगे बढ़ गई ।

ऐसे में रोटियां बुरी तरह जल गईं ।

उसने सेबों से लदे पेड़ को भी हिलाने से मना कर दिया ।

जब वह मदर हॉली से मिली , तो उन्होंने उसे भी उसी तरह काम करने को कहा ।

उसने हामी तो भर दी , लेकिन कुछ ही दिनों बाद वह अपने घर जाने की जिद करने लगी ।

मदर हॉली ने उसके जाने के लिए भी दरवाजा खोल दिया ।

वह लड़की दौड़कर वहां से निकली ।

वह अपने लिए सोने की पत्तियों की बारिश का इंतजार कर रही थी , लेकिन उसके सिर पर कीचड़ के सिवा कुछ न गिरा ।

उसे अपने किए का फल मिल गया था ।