सफर का साथी

बहुत समय पहले की बात है ।

जॉन नामक एक मुसाफिर अकेला ही शहर जाने के लिए निकला ।

रास्ते में उसे एक गिरजाघर दिखाई दिया ।

वह गिरजाघर में चला गया । वहां उसे ताबूत में रखी किसी की लाश दिखाई

दी । वह अपना सामान जमीन पर रखकर उस मृत व्यक्ति की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने लगा ।

जब जॉन वहां से जाने लगा , तो एक व्यक्ति ने उसके पास आकर कहा , “ क्या मैं भी तुम्हारे साथ सफर पर चल सकता हूं ।

इस तरह हमारा साथ हो जाएगा । " जॉन ने हामी भर दी ।

जब वे लोग शहर में पहुंचे , तो उन्हें राजा का सुंदर महल दिखाई दिया ।

वे आराम करने के लिए एक सराय में ठहर गए ।

वहां उन्हें पता चला कि राजा की बेटी बहुत सुंदर और बहुत दुष्ट है ।

राजकुमारी ने घोषणा की है कि वह किसी ऐसे आदमी से शादी करेगी , जो यह बता देगा कि वह क्या सोच रही है ।

अगर व्यक्ति उसके मन की बात जानने में सफल न हुआ , वह उस पर जादू कर देगी और वह गायब हो जाएगा ।

बहुत से लोग इस मामले में असफल होने के बाद गायब हो चुके थे ।

जब जॉन ने राजकुमारी को देखा , तो वह भी उससे शादी करने को इच्छुक हो गया ।

उसके साथी और सराय के मालिक ने जॉन को मना किया कि वह राजकुमारी के चक्कर में न फंसे , लेकिन वह कुछ भी सुनने को तैयार नहीं था ।

उस रात जॉन का साथी उसके साथ बैठा शराब पी रहा था ।

उसने शराब में कोई ऐसी चीज मिला दी , जिसे पीते ही जॉन को गहरी नींद आ गई ।

फिर उसका साथी उड़कर महल की खिड़की तक पहुंचा ।

उसके बाद उसने खुद को ओझल कर दिया ।

जॉन के साथी ने देखा कि राजकुमारी के दो पंख भी थे ।

जब राजकुमारी उड़कर एक ओर जाने लगी , तो उसने उसका पीछा किया ।

उसने देखा कि राजकुमारी के खटखटाने से एक पहाड़ का दरवाजा खुल गया ।

वह भी उसके पीछे अंदर चला गया ।

राजकुमारी एक कमरे में गई , जहां एक दुष्ट जादूगर

सोने का मुकुट पहने हड्डियों से बने सिंहासन पर बैठा हुआ था ।

उसने काले कपड़े पहन रखे थे ।

जादूगर ने राजकुमारी से कहा , " जब जॉन तुम्हारे पास आए , तो तुम मेरे सुनहरे मुकुट के बारे में सोचना ।

ऐसे में जॉन तुम्हारी सोच के बारे में कुछ नहीं जान सकेगा ।

तब तुम उसे मेरे पास खाने के लिए भेज देना । " जब

राजकुमारी वापस जाने लगी , तो जॉन का साथी जादूगर का मुकुट झपटकर राजकुमारी के पीछे चल दिया ।

जादूगर गुस्से से भड़क उठा , लेकिन वह नहीं जान सका कि उसका मुकुट कहां गया ।

अगले दिन जॉन अपने साथी के साथ महल में गया ।

राजकुमारी ने जॉन से पूछा कि वह किसके बारे में सोच रही है ।

उसी समय जॉन के साथी ने उसके हाथ में सोने का मुकुट रख दिया ।

मुकुट देखते ही राजकुमारी को बहुत गुस्सा आया , लेकिन उसे जॉन से शादी करने की हामी भरनी पड़ी ।

जॉन के साथी ने उसे एक बोतल देते हुए कहा , " तुम राजकुमारी के शरबत में इसकी

तीन बूंद डाल देना और जब वह जाने लगे , तो उसे पकड़ लेना , ताकि वह न जा सके ।

" जॉन ने ऐसा ही किया । राजकुमारी ने उसकी पकड़ से छूटना चाहा ।

पहले वह काला हंस बनी , फिर सफेद हंस बनी और फिर सामान्य होकर जॉन को देख मुस्कराने लगी ।

राजकुमारी बोली , “ धन्यवाद , जॉन ! तुमने दुष्ट जादूगर का जादू तोड़ दिया ।

मुझे हर काम उसकी मर्जी से करना पड़ता था ।

" अगली सुबह जॉन के साथी ने उससे विदा ली ।

वह बोला , “ अब तुम खुश होगे ।

तुमने मेरे ताबूत के पास बैठकर मेरी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की थी ।

मुझे खुशी है कि मैं भी तुम्हारे लिए कुछ कर सका ।

अब मैं चलता हूं , मेरे जाने का वक्त आ गया है । " फिर वह वहां से ओझल हो गया ।

उसके बाद जॉन और राजकुमारी की शादी हो गई ।

वे खुशी - खुशी रहने लगे ।