झूठी अफवाह

किसी फार्महाउस में मुर्गी के बच्चे दाने की तलाश में इधर - उधर भटकते रहते थे ।

फिर शाम होते ही वे अपने दड़बे में लौट जाते और दिन भर को बातें एक - दूसरे को सुनाते हुए अपना मन बहलाते ।

एक दिन चितकबरे पंखों वाली एक मुर्गी भोजन की तलाश में दड़ने से निकली ।

एक छोटी उड़ान भरते ही उसका एक पंख टूटकर गिर गया ।

इस पर मुर्गी ने कोई ध्यान नहीं दिया ।

लेकिन अचानक इसी बात पर उसे एक चुटकुला याद आ गया ।

' एक मुर्गी के किस ओर अधिक पंख होते हैं ?

' ' बाहर की ओर ! ' इसी बात पर हंसते हुए वह एक मुंडेर पर बैठ गई और अपने - आपसे बोली , " जितने पंख झड़ते जाएंगे , मेरी खूबसूरती उतनी ही बढ़ती जाएगी । "

उसकी पड़ोसिन मुर्गी ने यह बात सुन ली और बोली , " हे भगवान !

ये सुंदर दिखने वाले अपने सारे पंख हटाना चाहती है ।

मुझे नहीं लगता कि यह मुर्गे को सुंदर लगेगी ।

" उधर से उल्लू मम्मी उड़कर निकल रही थी ।

यह बात उसके कानों में गई और उसने घर लौटकर अपने परिवार को बताया , " तुम्हें पता है कि एक मुर्गी पागल हो गई है ?

वह अपने शरीर के सारे पंख नोच रही हैं , ताकि मुर्गे के सामने बन - ठनकर जा सके । "

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यह खबर सुनकर एक मुर्गे को बड़ा दुख हुआ ।

वह चिंतित होकर बोला , " मुर्गी अपने पंख नोच रही है ।

उसे जल्द ही सर्दी लग जाएगी ।

फिर इलाज न होने पर वह मर सकती है । कैसी भयानक बात है ! "

" ये सब कहां हो रहा है ? " कुछ कबूतरों ने हैरानी से पूछा ।

तब उन्हें पता चला कि यह सब फार्महाउस में हो रहा था ।

कबूतर बोले ,

' ओह ! अब तक तो सारी मुर्गियां ऐसा करके दम तोड़

चुकी होंगी । कैसा विनाश है यह ! "

इस बात को मुर्गे ने सुना और सोचा कि क्यों न इसे सबको बता दिया जाए ।

वह अपना गला फाड़कर चिल्लाया , " मुर्गियों ने अपने पंख नोच लिए हैं और वे ठंड के कारण मर रही हैं ।

” यह बात फार्महाउस में सबने सुनी ।

चूहे भी वहीं थे ।

उन्होंने आपस में कहा , " किसी ने सुना भाई , मुर्गियों में अपने पंख नोचने की प्रतियोगिता चल रही है ।

वे आपस में तब तक लड़ेंगी , जब तक वे मर नहीं जातीं ।

" तभी एक कीड़ा सारी खबर लेकर चितकबरे पंखों वाली मुर्गी के पास गया और बोला ,

" क्या तुम नहीं जानतीं कि मुर्गियों ने चोंचें मार मारकर एक - दूसरे को मार डाला और आखिर में मुर्गे की भी जान ले ली । अब सारी मुर्गियां मर चुकी हैं ? "

हाय !

चितकबरे पंखों वाली मुर्गी ने अपने सीने पर हाथ रखकर कहा , कैसा जमाना आ गया ।

" उसे सपने में भी अंदाजा नहीं था कि सारी अफवाह उसकी कही बात से ही फैल जाएगी ।

एक नन्हे से पंख ने अफवाह फैलाई और बेचारे मुर्गे - मुर्गियों के मरने की खबर जंगल की आग की तरह फैल गई ।

अतः हमें अफवाहें नहीं फैलानी चाहिए ।

कुछ भी बोलने से पहले अच्छी तरह सोच लेना चाहिए ।