गायक पक्षी

एक बार एक व्यापारी किसी दूसरे देश की यात्रा पर गया ।

जाने से पहले उसने अपनी तीनों बेटियों से पूछा कि वह उनके लिए क्या लाए ।

सबसे बड़ी बेटी अपने लिए मोती चाहती थी ।

दूसरी बेटी ने कहा कि उसके लिए हीरों का हार लाया जाए ।

छोटी बेटी बोली , " मुझे ऐसा पक्षी चाहिए , जो ऊंची उड़ान भरने के साथ - साथ मीठा गाता भी हो ।

" उस व्यापारी को बाजार में आसानी से हीरे और मोती मिल गए ।

जब वह घर पहुंचने वाला था , तो अचानक उसे एक डाल पर गाने वाला पक्षी दिखाई दिया ।

उसे अपनी छोटी बेटी के लिए वह पक्षी ले जाना था ।

ज्यों ही उसने पक्षी को पकड़ा , एक भयंकर शेर के गरजने की आवाज सुनाई दी ।

शेर बोला , " तुमने मेरे पक्षी को हाथ लगाने का साहस कैसे किया ? "

व्यापारी ने उसे अपनी छोटी बेटी की मांग के बारे में बताया ।

शेर बोला , ' ठीक है , इसे ले जाओ ।

लेकिन घर पहुंचते ही तुम्हें जो पहली चीज दिखाई दे , उसे लेकर मेरे पास आ जाना ।

" व्यापारी ने हामी भर दी ।

लेकिन जब वह घर पहुंचा , तो सबसे पहले उसकी छोटी बेटी ही उससे

मिलने के लिए आगे आई ।

व्यापारी रोने लगा और छोटी बेटी को शेर से किए गए वादे के बारे में बताया ।

छोटी बेटी अत्यंत बहादुर थी , इसलिए वह शेर के पास चली गई ।

शेर बहुत दयालु था ।

उसने लड़की का स्वागत किया ।

दरअसल शेर एक राजकुमार था , जिस पर किसी ने जादू कर दिया था ।

वह दिन में शेर बनकर रहता था और रात को राजकुमार बन जाता था ।

अगर उस पर मोमबत्ती की रोशनी पड़ जाती , तो वह अगले सात वर्षों के लिए केवल कबूतर बन जाता ।

बदकिस्मती से एक दिन शेर मोमबत्ती की रोशनी में आ गया और कबूतर बन गया ।

छोटी बेटी सात साल तक कबूतर का पीछा करती रही ।

लेकिन जब सातवां साल खत्म होने को आया , तो कबूतर कहीं गायब हो गया ।

छोटी बेटी कबूतर को खोज रही थी ।

तभी सूरज ने उसे बताया कि वह कबूतर शेर बनकर लाल सागर के पास एक ड्रैगन से लड़ रहा है ।

सागर के किनारे उगी घास ले जाकर उसे ड्रैगन से स्पर्श करवानी होगी ।

तब वे दोनों इन्सान बन जाएंगे ।

फिर शेर के शरीर और बाज के मुंह वाला विचित्र जीव उन्हें आसमान में उड़ा ले जाएगा ।

सूरज ने छोटी बेटी को एक डिब्बा दिया , जिसे जरूरत पड़ने पर खोला जा सकता था ।

लड़की ने वैसा ही किया , जैसा उसे करने को कहा गया था ।

तब शेर राजकुमार बन गया और ड्रैगन एक दुष्ट राजकुमारी बन गई ।

वे दोनों उस विचित्र जीव पर बैठकर वहां से उड़ गए ।

छोटी बेटी अकेले ही दुष्ट राजकुमारी के महल पहुंची , जो अब राजकुमार से शादी करने जा रही थी ।

छोटी बेटी ने वह डिब्बा खोला , तो उसमें से सूरज की किरणों जैसी पोशाक निकली ।

वह महल में चली गई और दुष्ट राजकुमारी को पोशाक दिखाने लगी ।

राजकुमारी वह पोशाक खरीदना चाहती थी ।

छोटी बेटी ने कहा , " मैं तुम्हें यह पोशाक दे सकती हूं , लेकिन मुझे एक रात के लिए उस जगह पर रहने की इजाजत देनी होगी , जहां राजकुमार रहता है । "

राजकुमारी ने छोटी बेटी को उस कमरे में जाने दिया , जहां राजकुमार जादू के प्रभाव के कारण सो रहा था ।

छोटी बेटी उसके कान में बोली कि वह उसे अपने साथ वापस ले जाने आई है ।

यह सुनते ही राजकुमार पर किया गया जादू टूट गया ।

वे दोनों चुपके से महल से बाहर आए और उस विचित्र जीव पर बैठकर अपने घर को उड़ गए ।

दुष्ट राजकुमारी कभी न जान सकी कि वह राजकुमार और सुनहरी पोशाक वाली लड़की कहां गए ।